पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव गहराया, पाकिस्तान स्टॉक मार्केट में 7,000 अंकों की गिरावट
पहलगाम में हुए जानलेवा आतंकी हमले के एक हफ्ते के भीतर पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज का KSE-100 सूचकांक 7,100 अंकों से अधिक लुढ़क गया, जिससे भारत-पाक के बीच तेजी से बिगड़ते कूटनीतिक और सैन्य हालात को लेकर निवेशकों की चिंता और अधिक गहरा गई.

पाकिस्तान का बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स KSE-100 पिछले सप्ताह में भारी गिरावट का सामना कर चुका है. 23 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 के बीच इसमें 7,100 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जो लगभग छह प्रतिशत के बराबर है. यह गिरावट भारतीय कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए एक जानलेवा आतंकवादी हमले के बाद सामने आई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से निवेशकों में घबराहट देखी गई.
30 अप्रैल को सूचकांक में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज
30 अप्रैल को सूचकांक में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट दर्ज की गई, जब यह 3,545 अंक या 3.09 प्रतिशत गिरकर 111,326.57 पर बंद हुआ. इस गिरावट में लकी सीमेंट, एंग्रो कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड बैंक लिमिटेड, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड और एफएफसी जैसी कंपनियों ने अहम भूमिका निभाई.
हालांकि 2 मई को बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला और इंडेक्स 2,785 अंक उछलकर 114,119 पर पहुंचा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक तकनीकी सुधार है. आरिफ हबीब ग्रुप के एक विश्लेषक ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि जब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक हालात सामान्य नहीं होते, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी.
सिंधु जल संधि स्थगित
तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल को हुई जब भारत ने हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने, अटारी बॉर्डर बंद करने और राजनयिक गतिविधियों को सीमित करने जैसे कई सख्त कदम उठाए. साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को पूरी कार्रवाई की स्वायत्तता दे दी. इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्य तैनाती कर दी.
भारत की ओर से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी गई है, जबकि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिज़वान सईद शेख ने अमेरिका से कूटनीतिक हस्तक्षेप की अपील की है. उन्होंने कहा कि कश्मीर एक संभावित वैश्विक संकट क्षेत्र बन सकता है. इस बढ़ते तनाव ने न केवल बाजार को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं.


