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भारत में ऑनलाइन भी नहीं बिकेगा पाकिस्तानी सामान, अमेजन और फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान और तुर्की के खिलाफ बायकॉट मुहिम जोर पकड़ रही है, जिसमें सीसीपीए ने पाकिस्तान के झंडे और सामान को हटाने का आदेश दिया है.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान और तुर्की के खिलाफ एक मजबूत 'बॉयकॉट' आंदोलन उठ खड़ा हुआ है. हाल ही में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के घुटने टेकने के बाद, पाक के खिलाफ आर्थिक दबाव बनाने के उद्देश्य से देश में बायकॉट मुहिम ने जोर पकड़ लिया है. भारत सरकार ने अब ई-कॉमर्स कंपनियों को पाकिस्तानी झंडे और सामान को हटाने के लिए आधिकारिक नोटिस जारी किए हैं. 

पाकिस्तान के सामान पर बैन

भारत में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाली केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने हाल ही में प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी किया. इस नोटिस में पाकिस्तान के झंडे और पाकिस्तान से जुड़े उत्पादों को तत्काल हटाने का आदेश दिया गया है. सीसीपीए का कहना है कि इन उत्पादों का बिक्री से जुड़े कानूनी नियमों का उल्लंघन हो रहा है और इन्हें प्लेटफार्म से हटाया जाना चाहिए.

भारत के उपभोक्ता मामले मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी इस आदेश की जानकारी दी और कंपनियों को फौरन निर्देश दिए कि वे पाकिस्तान के सामान और झंडे को हटा दें. उन्होंने ये भी लिखा कि हम असंवेदनशील वस्तुओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे और देश के कानून का पालन करने के लिए सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया गया है.

तुर्की के खिलाफ भारत में बढ़ते विरोध के संकेत

पाकिस्तान के खिलाफ चल रही इस मुहिम के साथ-साथ भारत में तुर्की के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. खासकर तुर्की के साथ व्यापार और पर्यटन संबंधों को लेकर भारतीय नागरिकों में नाराजगी बढ़ रही है. भारत में लोग ना केवल तुर्की के उत्पादों का बायकॉट कर रहे हैं, बल्कि वहां यात्रा करने से भी परहेज कर रहे हैं.

तुर्की पर्यटन पर पड़ सकता है बड़ा असर

तुर्की में भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले कुछ सालों में लगातार वृद्धि हुई है, लेकिन अब इस विरोध के कारण पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. 2009 में जहां 55,000 भारतीय पर्यटक तुर्की गए थे, वहीं 2019 में ये संख्या बढ़कर 2,30,000 हो गई. पिछले साल, यानी 2024 में 3,30,985 भारतीय पर्यटक तुर्की पहुंचे थे. इस बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यापारियों का कहना है कि अब यात्रा बहिष्कार से तुर्की और अजरबैजान की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है, खासकर उनके पर्यटन सेक्टर को.

कैट महासचिव का बयान

भारत के व्यापारियों के संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अगर भारतीय नागरिकों ने तुर्की की यात्रा को छोड़ दिया और तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार जारी रखा, तो इसका सीधा असर तुर्की और अजरबैजान की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और इन देशों के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगेगा.

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15 May 2025, 01:37 PM IST

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