score Card

IPS Success Story: अनाथालय में बीता बचपन, डिलीवरी बॉय से बने IAS अफसर! बिना UPSC परीक्षा पास किए मिली सफलता  

IPS Success Story: "सपने उन्हीं के सच होते हैं, जिनके हौसलों में उड़ान होती है." यह लाइन बिल्कुल सटीक बैठता है IAS अधिकारी बी. अब्दुल नासर की प्रेरणादायक सफलता की कहानी पर. गरीबी, संघर्ष और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल किया, जो लाखों युवाओं का सपना होता है. तो चलिए उनकी संघर्ष की कहानी जानते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

IPS Success Story: "मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है." यह पंक्तियाँ आईएएस अधिकारी बी. अब्दुल नासर की प्रेरणादायक सफलता यात्रा को पूरी तरह से परिभाषित करती हैं. गरीबी, संघर्ष और कठिनाइयों से भरे जीवन में भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर समाज में एक प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया.  

बचपन अनाथालय में बीता, पढ़ाई के लिए संघर्ष किया, होटल में सफाई और अखबार बांटने का काम किया, लेकिन सपनों को टूटने नहीं दिया. बिना UPSC परीक्षा पास किए, बी. अब्दुल नासर एक IAS अफसर बने. उनकी यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का हौसला रखते हैं. आइए जानते हैं उनकी सफलता की यह अविश्वसनीय यात्रा.  

पांच साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया  

बी. अब्दुल नासर जब केवल पांच साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया. इस घटना ने उनके परिवार को गहरे आर्थिक संकट में डाल दिया. उनकी मां ने घरों में काम करके परिवार को संभालने की कोशिश की, लेकिन हालात इतने कठिन थे कि नासर और उनके भाई-बहनों को अनाथालय में रहना पड़ा.

13 साल अनाथालय में बिताए

नासर ने 13 साल तक केरल के विभिन्न अनाथालयों में जीवन बिताया. पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्होंने संघर्ष किया और 10 साल की उम्र में ही होटलों में सफाई और सामान डिलीवरी का काम शुरू कर दिया. कई बार वे पढ़ाई के लिए अनाथालय से भाग भी जाते थे और बाद में लौट आते थे.  

पार्ट-टाइम नौकरियों से किया खुद का खर्च पूरा  

अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए नासर ने कई तरह की पार्ट-टाइम नौकरियां कीं. उन्होंने ट्यूशन पढ़ाई, फोन ऑपरेटर के रूप में काम किया और अखबार बांटने का भी कार्य किया. उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 12वीं पास करने के बाद थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया.

राज्य सिविल सेवा से बने डिप्टी कलेक्टर  

स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) करने के बाद, वर्ष 1994 में नासर ने केरल स्वास्थ्य विभाग में नौकरी शुरू की. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें राज्य सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर के पद तक पहुंचा दिया. उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें 2015 में केरल का सर्वश्रेष्ठ डिप्टी कलेक्टर घोषित किया गया.  

2017 में बने IAS अधिकारी, 2019 में बने जिला कलेक्टर  

नासर की सफलता यहीं नहीं रुकी. 2017 में उन्हें IAS अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया. बाद में, उन्होंने केरल सरकार के आवास आयुक्त के रूप में कार्य किया और 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर नियुक्त हुए.  

बिना UPSC परीक्षा पास किए कैसे बने IAS अफसर?  

आमतौर पर IAS बनने के लिए UPSC परीक्षा पास करनी पड़ती है, लेकिन बी. अब्दुल नासर राज्य सिविल सेवा (State Civil Services) के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर बने और अपनी कड़ी मेहनत के बल पर प्रमोशन के जरिए IAS अधिकारी बने.  

संघर्ष से सफलता तक की मिसाल  

बी. अब्दुल नासर की कहानी यह साबित करती है कि सपनों को पाने के लिए हालात नहीं, बल्कि आपकी मेहनत मायने रखती है. कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी काबिलियत के बल पर IAS बनने का सपना साकार किया. उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा उन सभी युवाओं के लिए सबक है, जो मुश्किल हालातों में भी अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं. 

calender
07 February 2025, 01:57 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag