5 दशक, 300 फिल्में और 74 सुपरहिट... जो अमिताभ-जीतेंद्र नहीं कर पाए, वो कमाल धर्मेंद्र ने करके दिखाया
धर्मेंद्र वह नाम हैं, जो अपने समय में हीरो नहीं बल्कि एक मिसाल बनकर सामने आए. बॉलीवुड में उनके आने से ही माहौल में ऊर्जा और जोश भर जाता था. चाहे वह एक्शन हो, कॉमेडी, ड्रामा या रोमांस, धर्मेंद्र हर किरदार में अपनी खास पहचान बनाने में कामयाब रहे. यही कारण है कि उन्हें बॉलीवुड का 'ही-मैन' कहा गया.

मुंबई: धर्मेंद्र वह नाम हैं, जो अपने समय में हीरो नहीं बल्कि एक मिसाल बनकर सामने आए. बॉलीवुड में उनके आने से ही माहौल में ऊर्जा और जोश भर जाता था. चाहे वह एक्शन हो, कॉमेडी, ड्रामा या रोमांस, धर्मेंद्र हर किरदार में अपनी खास पहचान बनाने में कामयाब रहे. यही कारण है कि उन्हें बॉलीवुड का 'ही-मैन' कहा गया. धर्मेंद्र यानी धर्म सिंह देओल का करियर लंबे समय तक चमकता रहा और उन्होंने अपने दर्शकों के दिलों में हमेशा एक अलग जगह बनाई.
नंबर-2 पर मिलता था सुकून
धर्मेंद्र कभी नंबर-1 बनने के लिए संघर्ष नहीं करते थे, बल्कि उन्होंने हमेशा नंबर-2 की भूमिका में रहकर संतोष पाया. ऐसा कहा जाता है कि जब राजेंद्र कुमार नंबर-1 थे, धर्मेंद्र नंबर-2 थे. जब राजेश खन्ना नंबर-1 बने, तब भी धर्मेंद्र नंबर-2 थे और जब अमिताभ बच्चन नंबर-1 हुए, तब भी धर्मेंद्र नंबर-2 ही बने रहे. एक बार उनसे पूछा गया कि 'नंबर-1 क्यों नहीं बने?' तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था कि हर कोई नंबर-1 बनना चाहता है, लेकिन नंबर-2 की जगह सुरक्षित है और मुझे यह पसंद है. यही उनकी सोच और सहजता को दर्शाता है.
1958 में शुरू हुआ धर्मेंद्र का करियर
धर्मेंद्र का करियर 1958 में शुरू हुआ और 2025 तक वह एक्टिव रहे. यह उनके लंबे और लगातार काम करने का प्रमाण है. उनकी आखिरी फिल्म 'इक्कीस' 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली है. धर्मेंद्र केवल एक्शन हीरो नहीं थे, बल्कि रोमांटिक, कॉमेडी और ड्रामा सभी प्रकार की फिल्मों में अपना जादू बिखेरते रहे. उनके कई किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं- पड़ोस का साधारण लड़का, रोमांटिक हीरो, माचो मैन, मजाकिया इंसान, दर्द सहने वाला या गुस्सैल नौजवान. इन सभी पहलुओं ने उन्हें बहुआयामी कलाकार बनाया.
धर्मेंद्र को 'ही-मैन' क्यों कहा गया?
धर्मेंद्र को 'ही-मैन' इसलिए कहा गया, क्योंकि यह केवल उनकी बॉडी और एक्शन फिल्में नहीं दर्शाती, बल्कि उनके करियर, व्यक्तित्व और फिल्मों में छाप का मिला-जुला असर है. उनके पांच दशक के करियर में लगभग 300 फिल्में शामिल हैं, जिनमें 74 सुपरहिट फिल्में हैं. उनके ब्लॉकबस्टर फिल्मों में शोले, फूल और पत्थर, सीता और गीता, हुकुमत, मेरा गांव मेरा देश और धर्मवीर शामिल हैं.
एक युग का अंत
1960 और 70 के दशक में उनके एक्शन-हीरो किरदारों की एनर्जी और स्टंट्स ने उन्हें सबसे अलग बनाया. 1987 में 12 रिलीज हुई फिल्मों में से सात लगातार हाइएस्ट ग्रॉसिंग रही. अमिताभ बच्चन और जितेंद्र भी उस वक्त ऐसा रिकॉर्ड नहीं बना पाए थे. धर्मेंद्र की बहुमुखी प्रतिभा, पंजाबी एक्सेंट और मजेदार एक्सप्रेशन्स ने उन्हें हर दर्शक का पसंदीदा हीरो बना दिया. धर्मेंद्र सिर्फ फिल्मी हीरो नहीं थे, वे एक युग के प्रतीक बन गए. उनके लंबे करियर, पावरफुल इमेज और रिकॉर्ड-हिट्स ने उन्हें 'ही-मैन' की उपाधि दिलाई. उनका निधन केवल एक अभिनेता के जाने जैसा नहीं, बल्कि एक युग का अंत है.


