'25 मिनट, 9 आतंकी ठिकाने और 70 आतंकी ढेर', कैसे भारतीय सेना ने अंजाम दिया ऑपरेशन सिंदूर?
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओजेके में नौ आतंकी शिविरों पर 24 मिसाइलों से हमला किया. यह जवाबी कार्रवाई 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने सटीक और सीमित सैन्य अभियान के जरिए लगभग 70 आतंकियों को ढेर किया और उनके ठिकानों को नष्ट कर दिया. आधुनिक हथियारों और ड्रोन निगरानी से यह ऑपरेशन बिना नागरिक क्षति के सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.

भारत ने 7 मई को तड़के एक सुनियोजित सैन्य कार्रवाई के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकवादी शिविरों पर हमला किया. यह अभियान, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया, रात 1:05 बजे शुरू होकर 1:30 बजे तक चला और इसमें 24 मिसाइलें दागी गईं. इस हमले में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और करीब 70 आतंकवादियों को मार गिराया गया.
पहलगाम हमले का बदला 'ऑपरेशन सिंदूर'
इस सैन्य अभियान की जड़ें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले में हैं, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत कुल 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों पर डाली गई थी. नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर इस हमले का "सुनियोजित और समानुपातिक" जवाब था.
रणनीति में बदलाव की झलक
भारतीय सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि यह अभियान भारत की रणनीतिक सोच में बदलाव को दर्शाता है. उनके अनुसार, पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान अपने भीतर और कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी प्रशिक्षण केंद्र, भर्ती शिविर और लॉन्च पैड चला रहा है. ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य इन बुनियादी ढांचों को खत्म करना और भविष्य के आतंकी हमलों को रोकना था.
आतंकवादी अड्डों को बनाया गया निशाना
विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि भारत के पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी कि और हमले हो सकते हैं. इसलिए इस बार भारत ने पहले ही कार्रवाई करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि भारत की यह सैन्य प्रतिक्रिया न तो उकसाने वाली थी और न ही असंतुलित बल्कि यह सटीक, सीमित और जिम्मेदाराना थी. कार्रवाई केवल आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर की गई, पाकिस्तानी सेना के किसी भी प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचाया गया.
इन इलाकों में हुआ हमला
मिसाइल हमलों के दौरान नौ स्थानों पर हमला किया गया, जिनमें से पांच पीओजेके में और चार पाकिस्तान की मुख्य भूमि में थे. भारत ने चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम, मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, कोटली, रावलकोट और चकवाल शामिल टारगेटेड हमले किए. इन स्थानों को लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखा जा रहा था. विशेष रूप से बहावलपुर को जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ माना जाता है, जबकि मुजफ्फराबाद और भीमबर को आतंकियों के ट्रांजिट पॉइंट्स के रूप में चिह्नित किया गया था.
अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल
इस ऑपरेशन में लेजर-निर्देशित मिसाइलों, सैटेलाइट-गाइडेड ग्लाइड बमों, और प्रेसिशन गाइडेड हथियारों का इस्तेमाल किया गया ताकि collateral damage यानी आम नागरिकों की हानि से बचा जा सके. हमलों को हवा और ज़मीन दोनों से अंजाम दिया गया. निगरानी ड्रोन की मदद से रियल टाइम में लक्ष्य की स्थिति पर नजर रखी गई और हमलों की सफलता की पुष्टि की गई.
70 से ज्यादा आतंकी ढेर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस हमले में 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए. सभी लक्ष्यों को सटीकता से ध्वस्त किया गया, जिनमें आतंकी कमांड सेंटर, हथियार डिपो, प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च स्थलों की सुविधाएं शामिल थीं. यह स्पष्ट कर दिया गया कि भारत की यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान की सेना या नागरिकों के विरुद्ध.