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'जो चार पुरुषों से मिल चुकी हो, वो कैसे सच्ची बहू बनेगी?', अनिरुद्धाचार्य के बाद अब प्रेमानंद महाराज के बयान पर विवाद

संत प्रेमानंद महाराज ने आज की युवा पीढ़ी के चरित्र और रिश्तों की गिरती स्थिति पर चिंता जताते हुए लिव-इन और बहु-संबंधों को व्याभिचार बताया. उन्होंने कहा कि अगर अब भी रिश्तों की शुद्धता नहीं बचाई गई, तो सामाजिक ढांचा पूरी तरह टूट जाएगा.

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बाद अब संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में संत प्रेमानंद महाराज ने आज की युवा पीढ़ी के चरित्र और रिश्तों को लेकर गहरी चिंता जताई है. प्रेमानंद महाराज ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि आजकल के युवक-युवतियों में एक से ज्यादा प्रेम-संबंध रखना आम बात हो गई है, जो रिश्तों की पवित्रता को खत्म कर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर आज के समय में किसी को सच्चा जीवनसाथी मिल जाए, तो इसे भगवान का आशीर्वाद समझना चाहिए.

'सच्ची बहू और सच्चा पति मिलना दुर्लभ'

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि सौ में दो-चार कन्याएं ऐसी होंगी जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी एक पुरुष को समर्पित होती होंगी. ऐसे में सच्ची बहू कहां से आएगी? जो चार पुरुषों से मिल चुकी हो, वो कैसे सच्ची बहू बनेगी? उन्होंने पुरुषों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लड़का चार लड़कियों से मिल चुका है, वो सच्चा पति कैसे बन पाएगा?

'व्यवहार अब व्याभिचार बनता जा रहा है'

प्रेमानंद महाराज ने आज के युवाओं के संबंधों की तुलना व्याभिचार से करते हुए कहा कि एक से ब्रेकअप और दूसरे से व्यवहार. दूसरे से ब्रेकअप और तीसरे से व्यवहार. अब ये व्यवहार नहीं, व्याभिचार बन गया है. जब चरित्र शुद्ध नहीं है तो अच्छे विचार कैसे आएंगे?

'आदतें बिगड़ चुकी हैं, शुद्धता की समझ नहीं रही'

प्रेमानंद महाराज ने आधुनिक जीवनशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसी को चार होटलों के खाने की आदत लग जाती है, तो घर की रसोई का भोजन कैसे अच्छा लगेगा? जब कोई लड़की चार पुरुषों से मिल चुकी हो, तो एक के साथ निभाना मुश्किल हो जाता है. इसी तरह जब कोई पुरुष चार लड़कियों से संबंध रख चुका हो, तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह सकता. उन्होंने मोबाइल और इंटरनेट को इस बिगड़े माहौल का बड़ा कारण बताया.

'लिव-इन रिलेशनशिप को बताया गंदगी का खजाना'

प्रेमानंद महाराज ने लिव-इन रिलेशनशिप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि हमारा देश धर्म प्रधान है, लेकिन आज विदेशी माहौल हम पर हावी हो गया है. लिव-इन रिलेशनशिप गंदगी का खजाना है. पहले हमारे देश में पवित्रता के लिए जान दे दी जाती थी, लेकिन आज रिश्तों में कोई शुद्धता नहीं रह गई.

'पाणिग्रहण की पवित्रता अब केवल नाममात्र रह गई'

उन्होंने विवाह संस्कार की पवित्रता पर जोर देते हुए कहा कि पाणिग्रहण एक अत्यंत पवित्र संस्कार है. पहले देवी-देवताओं और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर गृहस्थ धर्म में प्रवेश किया जाता था. लेकिन आज लोग पहले ही व्याभिचार कर चुके होते हैं, फिर विवाह करते हैं. ऐसे लोग विवाह की पवित्रता को क्या समझेंगे? अपने वक्तव्य के अंत में संत प्रेमानंद महाराज ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि अगर शादी से पहले कोई गलती हो गई हो, तो हो गई. लेकिन कम से कम शादी के बाद तो सुधर जाओ. यह बहुत विचित्र समय है. उन्होंने चेताया कि अगर अब भी हम नहीं सुधरे, तो समाज में रिश्तों की पवित्रता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.

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30 July 2025, 01:58 PM IST

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