'मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट ना करें', पहलगाम हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी की अपील
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की जयंती पर पत्नी हिमांशी ने आतंकियों को सख्त सजा की मांग की, लेकिन साथ ही मुस्लिमों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने की शांति की अपील भी की.

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट जनरल विनय नरवाल की जयंती पर उनका परिवार और सैकड़ों देशवासी उन्हें श्रद्धांजलि देने एकत्र हुए. पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए विनय नरवाल की याद में जहां एक ओर ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया, वहीं उनकी पत्नी हिमांशी ने पूरे देश से एकजुटता और शांति की अपील की.
हिमांशी ने भावुक होकर कहा कि इस हमले में शामिल आतंकियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन हमें सामूहिक रूप से किसी भी धर्म या समुदाय को दोषी ठहराने से बचना होगा. उन्होंने अपने शब्दों में देश को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया- हमें मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट नहीं करना है, हम शांति चाहते हैं.
शहीद की जयंती पर हुआ रक्तदान शिविर
विनय नरवाल की जयंती के मौके पर उनके परिवार द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. शिविर में उनकी बहन सृष्टि नरवाल भी मौजूद रही. उन्होंने कहा कि हमने अपने भाई को खोया है और इस दर्द को शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता. ब्लड डोनेशन कैंप हमारे भाई की स्मृति को समर्पित है ताकि हम दूसरों की जिंदगियां बचा सकें.
'मैं पति के दिखाए रास्ते पर चलूंगी'- हिमांशी
शिविर के दौरान हिमांशी बार-बार भावुक हो उठी. उन्होंने कहा कि मैं भी विनय नरवाल की तरह देश सेवा करूंगी. ये सिर्फ उनका सपना नहीं था, अब मेरा भी संकल्प है. देशवासियों से मेरी अपील है कि वे विनय के लिए प्रार्थना करें. वो जहां भी हों, खुश रहें. हिमांशी ने ये भी कहा कि वे इस दिन को मातम के रूप में नहीं, बल्कि देशभक्ति और प्रेरणा के रूप में देखती हैं. हम आज यहां शोक व्यक्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं बल्कि हम उनकी देशभक्ति और जज्बे का सम्मान करने के लिए आए हैं.
शादी के तीन दिन बाद कत्ल
गौरतलब है कि हिमांशी और लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शादी 16 अप्रैल को हुई थी और 19 अप्रैल को उनका रिसेप्शन आयोजित हुआ था. इसके बाद ये नवविवाहित कपल हनीमून पर पहलगाम पहुंचा, जहां 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में विनय की जान ले ली गई. इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए थे और आतंकियों ने धर्म पूछकर कत्ल किया था.
हिमांशी ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि वे किसी समुदाय को दोषी ठहराने की पक्षधर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस हमले में जो लोग शामिल हैं, उन्हें सख्त सजा दी जाए. लेकिन हमें मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट नहीं करना है. हम शांति चाहते हैं.