score Card

'राजनीति से ऊपर है राष्ट्र', ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका को लेकर बोले शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निमंत्रण स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए. सरकार ने सात देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को साझा करना है. इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के नेता शामिल हैं, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता को प्रदर्शित करेंगे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को उस समय गर्व और जिम्मेदारी की भावना व्यक्त की, जब उन्हें सरकार द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित किया गया. थरूर ने कहा कि यह अवसर उनके लिए सम्मानजनक है और वह राष्ट्र की सेवा को राजनीति से ऊपर मानते हैं.

बिना हिचकिचाहट स्वीकार किया सरकार का निमंत्रण

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने बिना किसी संकोच के सरकार का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जैसे मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर कार्य करना आवश्यक है.

थरूर ने कहा, "यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि संकट की घड़ी में मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया गया है. एक नागरिक के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि जब भी देश पुकारे, हम तैयार रहें."

राजनीति नहीं, देश सर्वोपरि

थरूर ने स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि देशहित में लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र के सामने कोई संकट हो, तो राजनीति को किनारे रख देना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है. ऐसे समय में जब देश को एकजुटता दिखाने की ज़रूरत है, मैं किसी भी राजनीतिक मतभेद की परवाह नहीं करता. मुझे गर्व है कि मुझे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया है."

भारत का संदेश विश्व को देने की जिम्मेदारी

सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक समुदाय को भारत का कड़ा संदेश देने का निर्णय लिया है. इसी संदर्भ में भारत सात देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा.

इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को दुनिया के सामने रखना है और यह स्पष्ट करना है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी भी हद तक जा सकता है.

प्रतिनिधिमंडल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों शामिल

संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के विरुद्ध भारत की एकता और मजबूत रुख को दर्शाएगा. प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है.

इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा की ओर से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जदयू से संजय झा, द्रमुक की कनिमोझी, राकांपा (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं. इनमें से चार सांसद एनडीए (सत्तारूढ़ गठबंधन) और तीन आईएनडीआईए (विपक्षी गठबंधन) से आते हैं.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूती

यह पहल वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब राजनीतिक मतभेदों को पीछे रखकर सभी दल एक सुर में बोलते हैं, तो उसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव कहीं अधिक होता है.थरूर जैसे वरिष्ठ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले नेता की भूमिका इस प्रतिनिधिमंडल में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि वे संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक कूटनीति में भी सक्रिय रहे हैं.
 

calender
17 May 2025, 10:21 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag