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'ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया, अब आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं', तमिलनाडु से PM मोदी का सख्त संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उल्लेख करते हुए भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता को रेखांकित किया. उन्होंने चोल सम्राटों की विरासत को सम्मान देने के लिए भव्य प्रतिमाएं स्थापित करने की भी घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु स्थित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर पहुंचकर महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां से उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक बार फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस सैन्य अभियान ने दुनिया को ये साफ संदेश दे दिया है कि अगर भारत की संप्रभुता और सुरक्षा पर हमला हुआ, तो भारत कैसे जवाब देता है.

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने ना केवल भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने रखा, बल्कि पूरे देश में आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गौरव की एक नई भावना को भी जन्म दिया है. उन्होंने बताया कि जब वो कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ रहे थे, तो रास्ते में लोगों ने इस अभियान की जमकर सराहना की.

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का निर्णायक सैन्य प्रहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला करता है, तो भारत कैसे जवाब देता है. उन्होंने बताया कि 7 मई 2025 को चलाए गए इस सटीक सैन्य अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया. ये हमला पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.

आतंकवादियों के लिए अब कोई 'सुरक्षित ठिकाना' नहीं

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि भारत के दुश्मनों और आतंकवादियों के लिए अब दुनिया में कोई भी सुरक्षित जगह नहीं बची है. उन्होंने ये भी कहा कि इस सैन्य कार्रवाई ने भारत को एक आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसे अपनी सुरक्षा के लिए किसी और पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई ने पूरे देश में एक नई ऊर्जा, चेतना और आत्मबल का संचार किया है.

चोल सम्राटों की गौरवगाथा को मिलेगा सम्मान

राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ये भी घोषणा की कि भारत की पहचान और गर्व से जुड़े चोल सम्राटों राजा राजा चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल की भव्य प्रतिमाएं तमिलनाडु में स्थापित की जाएंगी. उन्होंने इन्हें 'हमारे ऐतिहासिक जागरण के आधुनिक स्तंभ' बताया.

चोल काल की लोकतांत्रिक परंपराएं भी रहीं अग्रणी

प्रधानमंत्री मोदी ने चोल साम्राज्य की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं को भी रेखांकित किया और कहा कि जब लोग ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा की बात करते हैं, तब ये याद रखना जरूरी है कि भारत में 'कुडवोलै प्रणाली' जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्था 1,000 साल पहले ही अस्तित्व में थी.

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27 July 2025, 05:59 PM IST

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