'पाकिस्तान को लगा कि उन्हें फायदा है लेकिन...', UNSC की मीटिंग पर शशि थरूर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद बैठक में पहलगाम हमले पर पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा को लेकर तीखे सवाल पूछे गए, लेकिन शशि थरूर ने कहा कि इससे किसी पक्ष के खिलाफ ठोस कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती.

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई. इस बैठक में केवल सदस्य देश ही शामिल हुए, जिसमें अंदर क्या चर्चा हुई, इसका पूरा विवरण नहीं मिल पाया. हालांकि रिपोर्टों के अनुसार, परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान से तीखे सवाल किए, खासकर लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को लेकर.
पूर्व राजनयिक और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली की 'दुखद हकीकत' उजागर की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकों से भारत या पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की उम्मीद नहीं की जा सकती.
UNSC में नहीं होगी किसी की आलोचना: शशि थरूर
शशि थरूर ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि परिषद पाकिस्तान की आलोचना वाला कोई प्रस्ताव पारित नहीं करेगी क्योंकि चीन उस पर वीटो लगा देगा. इसी तरह भारत की आलोचना वाला प्रस्ताव भी कई देश नकार देंगे या उस पर वीटो लग जाएगा. इसलिए ये बैठक केवल शांति की अपील और आतंकवाद को लेकर सामान्य चिंता तक ही सीमित रहेगी. उन्होंने साफ कहा कि ऐसी औपचारिक या अनौपचारिक बैठकों से किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. ये ऐसी व्यवस्था की दुखद सच्चाई है, जहां इस तरह के मंचों से ज्यादा कुछ निकलने वाला नहीं होता.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई थी, जो पिछले कुछ दशकों में सबसे घातक आतंकवादी घटनाओं में से एक मानी जा रही है. रिपोर्टों के मुताबिक, UNSC के सदस्यों ने इस हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को लेकर इस्लामाबाद से कड़े सवाल पूछे. शशि थरूर ने कहा कि इन परिस्थितियों में पाकिस्तान को लगा होगा कि उन्हें फायदा मिलेगा, लेकिन जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक कई देशों ने लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका और उसकी शुरुआती जिम्मेदारी को लेकर तीखे सवाल किए हैं.
भारत को सुनवाई का मौका नहीं मिला
शशि थरूर के अनुसार, UNSC की ये बैठक एकतरफा रही क्योंकि भारत इसका हिस्सा नहीं था, जबकि पाकिस्तान इस समय अस्थायी सदस्य है. उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य देश ये भी कह सकते हैं कि जब पाकिस्तान इस विवाद में पक्ष है, तब केवल उसकी बात सुनकर कोई राय बनाना उचित नहीं होगा. इसलिए परिषद की एक औपचारिक बैठक बुलाने का सुझाव भी दिया जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि जो भी चिंता सामने आई है, वो मुख्यतः आतंकवाद की गंभीरता को लेकर है और ये समझने की है कि इस तरह की घटना भारत की प्रतिक्रिया को उकसा सकती है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.
आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा जारी
अब तक ना UNSC और ना ही भारत की ओर से इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ है. शशि थरूर का मानना है कि अगर कुछ भी होगा, तो वो एक अनौपचारिक बयान या भविष्य में एक बैठक बुलाने का संकेत हो सकता है.


