'कोई ऐसा जो 300 साल पहले...': औरंगजेब कब्र विवाद पर उद्धव ठाकरे का तंज
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई, जिसमें तोड़फोड़, आगजनी और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए. उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे को सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने की साजिश बताया, जबकि बीजेपी ने इसे पूर्व नियोजित षड्यंत्र करार दिया.

महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई. जिसके बाद घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहन जला दिए गए. इस हिंसा में करीब 40 लोग घायल बताए जा रहे हैं. इसी बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और पूछा कि 300 साल पहले मर चुके शासक पर विवाद क्यों? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर कब्र हटानी ही है तो नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को बुलाइए.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये मुद्दा सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है. उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी बीजेपी की तुलना मणिपुर की स्थिति से की और कहा कि जब भाजपा सरकार नहीं चला पाती, तो वो हिंसा और दंगों का सहारा लेती है.
नागपुर में कैसे भड़क गई हिंसा?
हिंसा तब भड़क उठी, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब के फोटो को हरे कपड़े में लपेटकर जलाया, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया. इसके बाद करीब 250 लोगों की भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये पूर्व नियोजित साजिश थी और आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने विशेष समुदाय के घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. वहीं, राज्य के गृह मंत्री योगेश कदम ने बताया कि अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि हिंसा में 12 पुलिसकर्मी और दो नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
औरंगजेब की कब्र विवाद क्यों?
औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के भिंगार में स्थित है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित किया है. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने इस पर नाराजगी जताई और इसे हटाने की मांग की है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि देशभक्त मुस्लिम कभी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेंगे.


