वाई पूरन कुमार की मौत मामले में जांच के लिए छह सदस्यीय एसआईटी गठित
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले में जांच के लिए चंडीगढ़ के आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार की अगुवाई में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले ने हरियाणा और चंडीगढ़ में हलचल मचा दी है. अब इस प्रकरण की गहराई से जांच के लिए चंडीगढ़ के आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार की अगुवाई में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
पत्नी की शिकायत से मामला गंभीर
गुरुवार को इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब दिवंगत अधिकारी की पत्नी और आईएएस अधिकारी अनमीत पी कुमार ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया. इसके बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई.
एफआईआर में दर्ज धाराएं
एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(आर) के तहत दर्ज की गई है. चंडीगढ़ पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि मामले की आगे जांच जारी है और सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है.
पत्नी का आरोप- एफआईआर कमजोर की गई
अनमीत ने चंडीगढ़ के एसएसपी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पुलिस ने एफआईआर को जानबूझकर कमजोर बनाया है. उन्होंने कहा कि उनके पति की आत्महत्या में हरियाणा डीजीपी और रोहतक एसपी की भूमिका है, लेकिन एफआईआर में उनके नाम हटाए गए. अनमीत ने एफआईआर में संशोधन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की है.
सुसाइड नोट में गंभीर आरोप
पूरन कुमार ने आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है. इसमें उन्होंने पिछले पांच वर्षों के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों पर लगातार जाति आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान के आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा कि यह परिस्थितियाँ उनके लिए असहनीय हो चुकी थीं.
हाल ही में हुआ था तबादला
पूरन कुमार को हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) का आईजी बनाया गया था. इससे पहले वह रोहतक रेंज के महानिरीक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे. उनके तबादले के तुरंत बाद ही यह घटना सामने आई, जिससे पूरे पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है.
पत्नी की पीड़ा और न्याय की मांग
अनमीत ने शिकायत में कहा कि उनके पति का दर्द किसी से छुपा नहीं था. उन्होंने बार-बार अपनी शिकायतों में जातिगत भेदभाव और अपमान का जिक्र किया, जिसकी गवाही उनका सुसाइड नोट भी देता है. अनमीत का कहना है कि वह एक पत्नी होने के नाते न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं और दोषियों को सख्त सज़ा मिलनी चाहिए.


