Aadhaar कार्ड को माना जाएगा 12वां दस्तावेज... बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता पहचान के लिए आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में मानने की अनुमति दी है. कोर्ट ने साफ किया कि आधार केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं. चुनाव आयोग ने बताया कि 99.6% मतदाताओं ने पहले ही दस्तावेज जमा कर दिए हैं. अधिकारी आधार की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं, लेकिन इससे नागरिकता सिद्ध नहीं होगी.

Supreme Court Aadhaar Verdict : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया से जुड़े एक अहम मामले में आधार कार्ड को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा है कि किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड को 12वें वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जा सकता है. यानी अब इसे अन्य 11 दस्तावेजों के समकक्ष माना जाएगा, जो पहले से मतदाता पहचान के लिए मान्य हैं. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा, बल्कि केवल पहचान और निवास प्रमाण के रूप में इसका उपयोग होगा.
EC को आधार की वैधता सत्यापित करने की अनुमति
Bihar SIR: Supreme Court directs that the Aadhaar card must be treated as the 12th document for the purpose of identity to include voters in the Bihar SIR exercise.
Supreme Court, however, says it is clarified that authorities shall be entitled to verify the authenticity and… pic.twitter.com/mT4m1zQ7Jr— ANI (@ANI) September 8, 2025
99.6% मतदाताओं ने पहले ही दस्तावेज जमा किए
चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार में कुल 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.6% ने पहले ही आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत कर दिए हैं. आयोग का कहना है कि केवल एक छोटा प्रतिशत ऐसा है जिनके लिए पहचान की पुष्टि के लिए अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे गए हैं. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि पहले के आदेश में जिन 65 लाख लोगों के लिए आधार कार्ड स्वीकार किया गया था, उनके बारे में किसी याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया कि उन्हें गलत तरीके से बाहर रखा गया है.
नागरिकता नहीं, केवल पहचान का प्रमाण है आधार
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने दो टूक शब्दों में कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आधार को नागरिकता का दस्तावेज़ नहीं माना जा सकता. यह केवल पहचान और निवास को प्रमाणित करने का एक साधन है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आधार को 12वें दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं है, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया में पहचान सुनिश्चित करने में सहायक हो सकता है.
अगली सुनवाई 15 सितंबर को
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 15 सितंबर तय की है. तब तक अदालत ने चुनाव आयोग को आधार कार्ड को पहचान के 12वें दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने की प्रक्रिया और उसके संभावित प्रभावों पर विचार करने को कहा है.


