एसिडिटी की दवा 'रैनिटिडिन' में कैंसरकारी तत्व होने की आशंका, केंद्र ने दिए जांच के आदेश
CDSCO ने रैनिटिडिन दवा में कैंसरकारी तत्व NDMA की मौजूदगी को लेकर सभी राज्यों को सतर्क किया है और नियमित जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. DTAB की सिफारिश पर दवा की शेल्फ लाइफ घटाने और ICMR से दीर्घकालिक अध्ययन की सिफारिश की गई है.

देशभर में गैस और एसिडिटी के इलाज के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवा रैनिटिडिन (Ranitidine) को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की गई है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को निर्देश दिया है कि वे रैनिटिडिन बनाने वाली कंपनियों से NDMA स्तर की नियमित जांच सुनिश्चित कराएं. NDMA एक संभावित कैंसरकारी तत्व है जो दवा की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
ये निर्देश ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी द्वारा जारी किए गए हैं. इससे पहले ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) की 28 अप्रैल 2025 को हुई 92वीं बैठक में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की समीक्षा की गई थी. रिपोर्ट में रैनिटिडिन में पाए गए NDMA के स्तर पर चिंता जताई गई थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया.
NDMA को लेकर चिंता, शेल्फ लाइफ घटाने की सिफारिश
DTAB की सिफारिशों के अनुसार, NDMA की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए दवा की शेल्फ लाइफ घटाने और स्टोरेज कंडीशंस में बदलाव करने जैसे जोखिम-आधारित उपाय अपनाने की बात कही गई है. ये कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि दवा में NDMA का स्तर खतरनाक सीमा से ऊपर ना जा सके.
NDMA क्या है और क्यों है खतरनाक?
NDMA (N-Nitrosodimethylamine) को इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने ग्रुप 2A में रखा है, यानी ये इंसानों में संभावित कैंसर पैदा करने वाला तत्व है. ये रासायनिक यौगिक दवाओं में अपवित्रता के रूप में पाया जा सकता है और शरीर में दीर्घकालिक रूप से इसके संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
ICMR से दीर्घकालिक अध्ययन की सिफारिश
DTAB ने ये भी सिफारिश की है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को इस विषय पर एक विस्तृत अध्ययन करना चाहिए, जिससे NDMA की उपस्थिति के आलोक में रैनिटिडिन की दीर्घकालिक सुरक्षा को परखा जा सके. गौरतलब है कि अमेरिका समेत कई देशों ने रैनिटिडिन के कुछ नमूनों में NDMA के अत्यधिक स्तर पाए जाने के बाद इस दवा को बाजार से वापस बुला लिया था. भारत में भी अब इस पर दोबारा गंभीरता से नजर डाली जा रही है.


