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JNU के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी तुर्की से तोड़ा रिश्ता, सभी MoU किए गए निलंबित

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तुर्की सरकार से जुड़े संस्थानों के साथ सभी MoU निलंबित कर दिए हैं. ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से उठाया गया है. इससे पहले JNU ने भी ये फैसला लिया था.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के बाद अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) ने भी तुर्की सरकार से जुड़े किसी भी संस्थान के साथ सभी समझौतों (MoU) को निलंबित करने का फैसला लिया है. विश्वविद्यालय ने ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से उठाया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया का कहना है कि ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक कोई और आदेश नहीं आते.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक आधिकारिक ट्वीट में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली और तुर्की गणराज्य से जुड़े किसी भी संस्थान के बीच कोई भी समझौता ज्ञापन (MoU) तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया राष्ट्र के साथ खड़ा है.

JNU ने भी खत्म किए MoU

ये फैसला जामिया मिल्लिया इस्लामिया के द्वारा उस समय लिया गया, जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने 14 मई को तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने MoU को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से निलंबित करने की घोषणा की थी. JNU ने अपने ट्वीट में कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, JNU और तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के बीच MoU तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. JNU राष्ट्र के साथ खड़ा है.

तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार

ये फैसला भारतीय उद्योगपति हर्ष गोयनका के 14 मई को किए गए ट्वीट के बाद आया, जिसमें उन्होंने नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान यात्रा का बहिष्कार करने की अपील की थी. गोयनका के ट्वीट के बाद, कई भारतीय ट्रैवल कंपनियों जैसे Ixigo, EaseMyTrip, Cox & Kings, Go Homestays, और Pickyourtrail ने भी तुर्की और अजरबैजान के लिए अपने यात्रा पैकेजों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

यात्रा कंपनियों का रिएक्शन

हर्ष गोयनका के ट्वीट के बाद भारतीय यात्रा कंपनियों का एक समान रिएक्शन आया. इन कंपनियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए यात्रा पैकेजों को निलंबित करने की घोषणा की. ये कदम उस घटना के बाद उठाया गया, जिसमें इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था और इसी कारण भारत में तीव्र प्रतिक्रियाएं देखी गई.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया और JNU दोनों संस्थानों के इस कदम ने ये स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं होगी. इन संस्थानों ने ये भी बताया कि इस फैसले के पीछे राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा गया है.

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15 May 2025, 06:23 PM IST

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