कार डिप्लोमेसी...जॉर्डन के राजा के बाद, इथियोपिया के प्रधानमंत्री ने बने पीएम मोदी के ड्राइवर, खुद की कार ड्राइव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं में उभरती ‘कार डिप्लोमेसी’ ने भारत की सॉफ्ट पावर को नई पहचान दी है. इथियोपिया में प्रधानमंत्री अबी अहमद द्वारा व्यक्तिगत स्वागत इस बढ़ते भरोसे और भारत-अफ्रीका रिश्तों की मजबूती का संकेत है.

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं में हाल के दिनों में एक नया और दिलचस्प कूटनीतिक अंदाज़ देखने को मिल रहा है, जिसे अब ‘कार डिप्लोमेसी’ कहा जा रहा है. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी दुर्लभ कार यात्रा से शुरू हुआ यह सिलसिला अब अफ्रीका तक पहुंच गया है. जॉर्डन के बाद अब इथियोपिया में भी प्रधानमंत्री मोदी को ऐसा ही असाधारण व्यक्तिगत सम्मान मिला है.
अदीस अबाबा में ऐतिहासिक स्वागत
इथियोपिया के प्रधानमंत्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अबी अहमद ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अदीस अबाबा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वयं स्वागत किया. इतना ही नहीं, वे पीएम मोदी को अपनी कार में बैठाकर होटल तक ले गए. रास्ते में दोनों नेताओं ने विज्ञान संग्रहालय और मैत्री पार्क में बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के रुककर बातचीत भी की. यह दृश्य सामान्य कूटनीतिक औपचारिकताओं से अलग, व्यक्तिगत और विश्वासपूर्ण संबंधों का प्रतीक माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं और यह पूर्वी अफ्रीकी देश की उनकी पहली यात्रा है. इस स्वागत को भारत-इथियोपिया संबंधों में एक नई गर्मजोशी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
व्यक्तिगत कूटनीति का उभरता रुझान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात को साझा करते हुए कहा कि यह भारत और इथियोपिया के सदियों पुराने संबंधों का उत्सव है. उन्होंने बताया कि इथियोपिया वैश्विक दक्षिण में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार और ब्रिक्स समूह का सदस्य है. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा होगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी की यह शैली, जहां औपचारिक बैठकों के साथ-साथ व्यक्तिगत संवाद को भी महत्व दिया जाता है. भारत की सॉफ्ट पावर को मजबूत कर रही है.
संसद संबोधन और अफ्रीकी साझेदारी
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. अपने भाषण में वे भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए भारत-इथियोपिया साझेदारी से अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण को होने वाले लाभों पर जोर देंगे. इसके अलावा, वे भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात करेंगे.
अदीस अबाबा भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनवाने में भारत की भूमिका ने इस रिश्ते को और मजबूत किया था.
जॉर्डन से इथियोपिया तक कूटनीतिक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया पहुंचने से पहले जॉर्डन के दौरे पर थे, जहां क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय ने उन्हें स्वयं अपनी कार में अम्मान स्थित जॉर्डन संग्रहालय तक ले जाकर सम्मान दिया था. भारत और जॉर्डन के बीच संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन और डिजिटल अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में कई समझौते भी हुए. इथियोपिया के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में ओमान जाएंगे.
नई कूटनीतिक पहचान
चीन, रूस, जॉर्डन और अब इथियोपिया लगातार अलग-अलग देशों में दिख रही यह ‘कार डिप्लोमेसी’ प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक शैली की नई पहचान बनती जा रही है. यह न सिर्फ औपचारिक रिश्तों को मानवीय स्पर्श देती है, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद और प्रभावशाली साझेदार के रूप में भी स्थापित करती है.


