ज्योति मल्होत्रा के बाद अब शहजाद का उभरा नाम, युवाओं को वीजा दिलाकर भेजता था पाकिस्तान
Pakistan Spy Network: भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बाद अब मुरादाबाद निवासी शहजाद का नाम सामने आया है. जांच एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, शहजाद ने यूपी के युवाओं की भर्ती कर उन्हें पाकिस्तान भेजने का काम करता था.

Pakistan Spy Network: भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में जहां एक ओर हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं, वहीं अब मुरादाबाद से गिरफ्तार शहजाद के रूप में एक नया चेहरा सामने आया है. जांच एजेंसियों को मिले इनपुट्स के मुताबिक, शहजाद ने यूपी के युवाओं की भर्ती कर उन्हें पाकिस्तान भेजने का काम किया.
शहजाद का संबंध भी पाकिस्तान उच्चायोग के उसी अधिकारी डैनिश से था, जिससे ज्योति मल्होत्रा लगातार संपर्क में थीं. डैनिश को भारत सरकार ने 13 मई को निष्कासित कर दिया था, जब यह साबित हुआ कि वह पंजाब में खुफिया लीक समेत कई गतिविधियों में लिप्त था जो राजनयिक नियमों के खिलाफ थीं.
शहजाद की गिरफ्तारी और उसकी भूमिका
मुरादाबाद निवासी शहजाद को 18 मई को गिरफ्तार किया गया. स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के अनुसार, शहजाद ने रामपुर के युवाओं को पाकिस्तान भेजने में डैनिश की मदद से वीजा दिलाया. शहजाद खुद भी कई बार पाकिस्तान जा चुका है और सीधे पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में था. उसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों को पाकिस्तान भेजने और कॉस्मेटिक, कपड़े, मसाले जैसी वस्तुओं की तस्करी में भी लिप्त पाया गया है.
डैनिश से गहरा था शहजाद का संपर्क
शहजाद का नाम तब सामने आया जब ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद उसके संपर्कों की जांच शुरू हुई. जांच में सामने आया कि शहजाद और डैनिश की मुलाकातें नियमित थीं और दोनों मिलकर पाकिस्तान के लिए जासूसी नेटवर्क को सक्रिय कर रहे थे.
ज्योति मल्होत्रा की कबूलनामे से खुली परतें
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान गई थी और वहां खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से मिली थी. उसने कहा, "मैं 'Travel With-Jo' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती हूं. मेरा पासपोर्ट नंबर 56098262 है. वर्ष 2023 में मैंने पाकिस्तान के लिए वीजा आवेदन हेतु दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग का दौरा किया था." उसने आगे बताया, "वहां मैंने डैनिश का मोबाइल नंबर लिया और उससे संपर्क करना शुरू किया. बाद में मैं दो बार पाकिस्तान गई. डैनिश के निर्देश पर मैंने वहां अली हसन से मुलाकात की, जिसने मेरी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था की."
स्नैपचैट और टेलीग्राम से था संपर्क
ज्योति ने बताया, "अली हसन ने मुझे पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से मिलवाया. इसी दौरान मेरी मुलाकात शाकिर और राना शहबाज से भी हुई." उसने कबूल किया, "मैंने शाकिर का नंबर जट्ट रंधावा के नाम से सेव किया ताकि किसी को शक न हो. भारत लौटने के बाद भी मेरा संपर्क इन सबसे बना रहा. मैं व्हाट्सएप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए उनसे संवाद करती रही और देश विरोधी जानकारियां साझा करती रही. मैं दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में डैनिश से बार-बार मिलती रही."


