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ऑस्ट्रेलिया हनुक्का अटैक पर तुलसी गबार्ड का बयान, ट्रंप की सीमा नीति का किया जिक्र

ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के एक बड़े त्योहार हनुक्का के दौरान हुई एक हिंसक घटना ने अंतरराष्ट्रीय चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस घटना के बाद, अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गैबार्ड ने ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकवादी हमले के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय के प्रमुख त्योहार हनुक्का के दौरान हुई हिंसक घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. इस घटना के बाद अमेरिका में नेशनल इंटेलीजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है. गबार्ड ने कहा है कि इस्लामिस्ट और इस्लामिज़्म केवल एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की आज़ादी सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा है. गबार्ड ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं कट्टर इस्लामवाद से जुड़े गंभीर खतरे की ओर इशारा करती हैं.

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में इस्लामिक कट्टरवाद लगातार चुनौती बनता जा रहा है और इसे नजरअंदाज करना किसी भी देश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. गबार्ड का मानना है कि धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाना समाज को डराने और अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है.

हनुक्का के दौरान हमला और बढ़ी चिंता

ऑस्ट्रेलिया में हनुक्का उत्सव के दौरान हुई हिंसक वारदात ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी सतर्क कर दिया है. इस घटना को यहूदी समुदाय पर सीधा हमला माना जा रहा है. त्योहार के समय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है.

तुलसी गबार्ड का बयान

तुलसी गबार्ड ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह केवल ऑस्ट्रेलिया की समस्या नहीं है. इस्लामिक कट्टरवाद एक वैश्विक खतरा है, जो अलग-अलग देशों में अलग रूपों में सामने आ रहा है.” उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी विचारधाराएं निर्दोष लोगों को निशाना बनाती हैं और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों को चुनौती देती हैं.

ट्रंप की सीमा नीति का जिक्र

गबार्ड ने अपने बयान में अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीमा सुरक्षा नीति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मजबूत सीमा नियंत्रण और सख्त सुरक्षा नीतियां ऐसे खतरों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकती हैं. उनके अनुसार, “सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता.”

वैश्विक स्तर पर सख्ती की जरूरत

गबार्ड का मानना है कि कट्टरवाद से निपटने के लिए देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे ताकि धार्मिक आयोजनों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब दुनिया के कई हिस्सों में धार्मिक स्थलों और त्योहारों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऑस्ट्रेलिया में हुई यह घटना एक बार फिर इस सवाल को सामने लाती है कि वैश्विक स्तर पर सुरक्षा रणनीतियों को कितना मजबूत किया गया है.

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17 December 2025, 09:24 AM IST

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