ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत को मिला वैश्विक समर्थन, 5 देश आए साथ
सिर्फ एक हफ्ते में पांच देशों ने भारत का मान बढ़ाया है. रूस, ऑस्ट्रेलिया, पराग्वे, मलेशिया और कोलंबिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ दिया. मलेशिया ने पाकिस्तान को नजरअंदाज किया, जबकि कोलंबिया ने बयान वापस लिया. भारत की कूटनीति और ताकत ने दुनिया को प्रभावित किया है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिर्फ सीमा पार जवाबी कार्रवाई नहीं की, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को बुरी तरह बेनकाब किया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने एक व्यापक रणनीति के तहत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रतिनिधिमंडल भेजे और आतंकवाद के समर्थन में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया. इसके नतीजे भी साफ नजर आए सिर्फ 7 दिनों में 5 देशों ने भारत के प्रति अपने समर्थन और झुकाव को खुलकर जाहिर किया. इन देशों में से कुछ ऐसे थे, जो पहले पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आते थे.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने RIC (रूस-भारत-चीन) मंच को फिर से सक्रिय करने की अपील की. ऐसे समय में जब अमेरिका की अगुवाई वाला QUAD एशिया में सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है, रूस की यह पहल भारत की तटस्थ लेकिन प्रभावशाली भूमिका को मान्यता देने जैसी है.
ऑस्ट्रेलिया ने कहा- हम भारत के साथ हैं
ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्लेस भारत दौरे पर आए. उन्होंने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन दोहराया. यह संकेत है कि QUAD के भीतर भी भारत की स्थिति और ताकत को अहमियत दी जा रही है.
पराग्वे का ऐतिहासिक दौरा
पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना का भारत दौरा ऐतिहासिक रहा. यह देश बहुत कम अंतरराष्ट्रीय दौरे करता है, लेकिन राष्ट्रपति खुद भारत आए. उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की और पहलगाम हमले की निंदा की. साथ ही भारत को “सभ्यता” कहकर वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को सराहा.
मलेशिया ने पाकिस्तान को दिखाया आईना
पाकिस्तान ने मलेशिया से आग्रह किया कि भारत के सांसदों के कार्यक्रम रद्द कर दिए जाएं क्योंकि वह एक इस्लामी देश है. लेकिन मलेशिया ने पाकिस्तान की एक न सुनी और भारतीय प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया. यह भारत की बढ़ती कूटनीतिक साख का बड़ा संकेत था.
कोलंबिया ने लिया यू-टर्न
पहले पाकिस्तान का समर्थन करने वाले कोलंबिया ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल के बाद अपना बयान वापस ले लिया. कोलंबिया ने माना कि उसे अब स्थिति की सही जानकारी है और वो भारत के साथ संवाद जारी रखना चाहता है.
नतीजा: भारत बना कूटनीतिक ताकत
इन घटनाओं से साफ है कि भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद उसकी कूटनीतिक ताकत भी दुनिया ने पहचानी है. पाकिस्तान अलग-थलग पड़ा है और भारत को वैश्विक समर्थन हासिल हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सिर्फ युद्ध नहीं, कूटनीति में भी विजेता बनकर उभरा है.


