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पाकिस्तान के बदले सुर? भारत से आतंकवाद और सिंधु जल संधि पर बात करने के लिए लगाई गुहार

दोनों देशों के बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत से बातचीत की गुहार लगाई है, लेकिन भारत ने साफ किया कि आतंकवाद पर कड़ा एक्शन ही संवाद की पहली शर्त है.

ऑपरेशन 'सिंदूर' और तनाव के बीच पाकिस्तान के सुर बदल रहे हैं और अब भारत से बातचीत की मांग कर रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद, कश्मीर और सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों पर भारत के साथ निकट भविष्य में वार्ता की इच्छा जताई है. लेकिन भारत ने दो टूक कह दिया है कि कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं होगी और जब तक आतंकवाद पर कड़ा एक्शन नहीं होता, बातचीत संभव नहीं है.

4 दिन की जबर्दस्त सैन्य कार्रवाई और जवाबी हमलों के बाद भले ही दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हो, लेकिन पाकिस्तान की नीयत को लेकर भारत सतर्क है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का हालिया बयान, एक बार फिर उसके असली इरादों पर सवाल खड़े कर रहा है.

पाकिस्तान ने फिर दोहराया 'कश्मीर राग'

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि वो भारत के साथ कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत करना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि अगर सीजफायर शांति की दिशा में एक कदम है, तो इसे आगे बढ़ाना चाहिए. लेकिन भारत का रुख पूरी तरह साफ है- कश्मीर कोई विवादित मुद्दा नहीं, बल्कि भारत का अभिन्न हिस्सा है. भारत की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि बातचीत केवल आतंकवाद मुक्त माहौल में ही संभव है, जब तक पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता रहेगा, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी.

भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद हिला पाकिस्तान

भारत द्वारा ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत किए गए हमलों के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की दुहाई देने लगा. पाकिस्तान ने अमेरिका, चीन, तुर्की, अजरबैजान और खाड़ी देशों से गुहार लगाई कि वे भारत पर दबाव डालें ताकि संघर्षविराम हो सके. जब भारत ने मानवीय आधार पर सीजफायर स्वीकार किया, तो ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से चीन, तुर्की और अन्य सहयोगी देशों को धन्यवाद दिया.

पाकिस्तान की सेना पर भरोसा नहीं: भारत सतर्क

भारत का मानना है कि पाकिस्तान की सरकार और उसकी सेना एक पन्ने पर नहीं हैं. पाक सेना अक्सर आतंकियों के इशारे पर काम करती है, जिससे किसी भी वादे या समझौते पर भरोसा करना मुश्किल होता है. भारत के अधिकारियों ने साफ किया है कि वर्तमान सीजफायर कोई औपचारिक समझौता नहीं, बल्कि एक 'आपसी समझ' है, जो परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती है.

शांति की बात या रणनीतिक चाल?

ख्वाजा आसिफ ने ये भी कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय नेतृत्व शांति का रास्ता पसंद करेगा. समय के साथ समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की ये शांति की अपील दरअसल भारत के जवाबी हमलों से मिली चोट का असर है. ये एक रणनीतिक चाल भी हो सकती है ताकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर राहत मिल सके.

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11 May 2025, 01:20 PM IST

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