बालासोर ट्रेन हादसा: छुट्टी पर घर जा रहे NDRF के जवान ने ही दी थी घटना की सबसे पहले जानकारी, घायल होते हुए भी की सबकी मदद

हावड़ा से तमिलनाडु के लिए सफर कर रहे थे। शुक्रवार 2 जून 2023 को हुआ यह भयानक ट्रेन हादसा, जिसमें शालीमार - चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस के ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से बुरी तरह से टकरा गयी थी।

Poonam Chaudhary
Poonam Chaudhary

हाइलाइट

  • उनका कोच B - 7 पटरी से उतर गया था लेकिन अन्य कोचों से नहीं टकराया था।

राष्ट्रीय आपदा मोचल बल , एनडीआरएफ (NDRF) का एक जवान जो कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार था संभवत: वह पहला शख्स था जिसने शुरुआती बचाव कार्य में शामिल होने सबसे पहले ट्रेन दुर्घटना की सूचना आपातकालीन सेवाओं को दी थी। NDRF के जवान वेंकटेश एन. के. (Venkatesh N. Of.) छुट्टी पर थे और वह हावड़ा से तमिलनाडु के लिए सफर कर रहे थे। शुक्रवार 2 जून 2023 को हुआ यह भयानक ट्रेन हादसा, जिसमें शालीमार - चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस के ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से बुरी तरह से टकरा गयी थी। जिसके बाद ट्रेन के डिब्बे और ट्रैक आस - पास बिखर गए। इस हादसे में कई लोगों की जानें भी चली गयीं। 

बाल - बाल बचे वेंकटेश एन.

जानकारी के मुताबिक इस हादसे के बारे में अधिकारियों ने बताया है की NDRF के जवान वेंकटेश एन. के. (Venkatesh N. Of.) बाल - बाल बच गए हैं। क्योंकि उनका कोच B - 7 पटरी से उतर गया था लेकिन अन्य कोचों से नहीं टकराया था। उनकी सीट संख्या 58 थी जोकि थर्ड AC कोच में थी। 

जवान ने हादसे की दी जानकारी 

बताया जा रहा है की 39 वर्षीय जवान वेंकटेश एन. छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे, वह वर्तमान में कोलकाता में NDRF की दूसरी बटालियन में तैनात हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की सबसे पहले उन्होंने बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को कॉल किया और दुर्घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने व्हाट्सअप पर अपनी लाइव लोकेशन NDRF नियंत्रण कक्ष को भेजी, जिसका उपयोग मौके पर बचाव दल के पहुंचने के लिए किया था। 

उन्होंने बताया की मुझे सबसे पहले एक तेज़ झटका लगा और मैंने कोच में सभी यात्रियों को गिरते हुए देखा। जिसके बाद मैंने सभी यात्रियों को कोच से बाहर निकालने का काम किया और रेलवे ट्रैक के पास की एक दुकान पर बैठा दिया और बाकियों की मदद करने के लिए दौड़ा। 

उन्होंने यह भी बताया की उनके साथ मेडिकल दुकान के मालिक और स्थानीय लोगों ने भी उनका साथ दिया वह भी एक असली रक्षक थे। जिन्होंने पीड़ितों की जीतनई हो सके उतनी मदद की। 


 

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04 June 2023, 10:42 AM IST

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