विधानसभा चुनाव से पहले स्टालिन ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा, अब राज्य की स्वायत्तता के लिए गठित किया पैनल
तमिलनाडु विधानसभा में मंगलवार को यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र पर राज्यों की शक्तियां छीनने का आरोप लगाया और नीट परीक्षा, नई शिक्षा नीति और माल एवं सेवा कर व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाते हुए केंद्र के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया. स्टालिन ने कहा कि त्रिभाषा नीति के नाम पर केंद्र सरकार तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को राज्यों के अधिकारों और स्वायत्तता पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया. स्टालिन ने कहा कि पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस कुरियन जोसेफ करेंगे. उन्होंने विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया है जो तमिलनाडु और केंद्र के बीच चल रहे टकराव को बढ़ाता है.
विधानसभा में स्टालिन का यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा तमिलनाडु के राज्यपाल को राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर 'अड़ंगा लगाने' के लिए फटकार लगाने के कुछ दिनों बाद आया है. स्टालिन ने इस आदेश को राज्यों और उनकी स्वायत्तता के लिए 'बड़ी जीत' बताया.
तमिलनाडु विधानसभा में मंगलवार को यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र पर राज्यों की शक्तियां छीनने का आरोप लगाया और नीट परीक्षा, नई शिक्षा नीति और माल एवं सेवा कर व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाते हुए केंद्र के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया. विधानसभा में बोलते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र व राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति शोध करेगी और सिफारिशें देगी.
नियम 110 के तहत की घोषणा
स्टालिन ने यह घोषणा नियम 110 के तहत की है. यह रूल किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को विधानसभा में विपक्ष को जवाब देने या अपनी राय देने का कोई अधिकार दिए बिना कोई भीघोषणा करने की अनुमति देता है. यह रूल विपक्ष को शुरू में ही मुद्दा उठाने या आपत्ति जताने से रोकता है.
पैनल में ये लोग होंगे शामिल
एमके स्टालिन द्वारा गठित समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे. यह समिति जनवरी 2026 तक अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करेगी और विस्तृत सिफारिशों वाली अंतिम रिपोर्ट दो साल के भीतर प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है. पैनल को शासन और नीति-निर्माण के उन विषयों के तरीके सुझाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है जो मूल रूप से राज्य सरकारों के एकमात्र अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन अब राज्य और केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से प्रशासित हैं.
तमिलनाडु में लागू नहीं होगी NEP
पैनल की घोषणा करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनका उद्देश्य तमिलनाडु सहित सभी राज्यों के अधिकारों की रक्षा करना है. इसके अलावा राज्य विधानसभा में अपने संबोधन में स्टालिन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की तीखी आलोचना की. केंद्र पर भाषाई थोपने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि NEP का इस्तेमाल देश भर में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है. उन्होंने यह भी दोहराया कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु द्वारा नई शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने से लगातार इनकार करने के कारण 2,500 करोड़ रुपये रोक दिए हैं.
तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा केंद्र
स्टालिन ने कहा कि हमने NEET परीक्षा के कारण कई छात्रों को खो दिया है. हमने लगातार NEET परीक्षा का विरोध किया है. त्रिभाषा नीति के नाम पर केंद्र सरकार तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है, क्योंकि हमने NEP को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए केंद्र ने राज्य को अभी तक 2500 करोड़ रुपये जारी नहीं किए हैं.