बिहार चुनाव 2025: सीट बंटवारे में जेडीयू का दबदबा, भाजपा पर चिराग पासवान की जिम्मेदारी
बिहार चुनाव 2025 में सीटों के बंटवारे पर एनडीए में खींचतान जारी है। जेडीयू बड़ी पार्टी की तरह पेश आ रहा है और भाजपा को चिराग पासवान की जिम्मेदारी सौंप रहा है।

National News: बिहार में एनडीए पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं लेकिन सीट बंटवारे को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। जेडीयू खुद को बड़े भाई की भूमिका में दिखाना चाहता है और भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है। यह विवाद लगातार गहराता जा रहा है और सहयोगियों में असमंजस पैदा कर रहा है। जेडीयू का कहना है कि चिराग पासवान को लेकर किसी भी तरह की जिम्मेदारी भाजपा की है। जेडीयू का मानना है कि चिराग की बयानबाजी से गठबंधन का माहौल खराब होता है और इसे रोकना भाजपा का काम है। पिछले चुनाव में चिराग की वजह से जेडीयू को नुकसान झेलना पड़ा था, जिसे वह आज तक भूल नहीं पाया है।
अमित शाह-नीतीश मुलाकात में चर्चा
तीन दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक हुई थी जिसमें चिराग पासवान का मुद्दा भी उठा। नीतीश ने साफ किया कि भाजपा को ही इस मसले पर फैसला करना होगा। हालांकि एनडीए नेताओं का कहना है कि स्थिति गंभीर नहीं है और समय आने पर सब सुलझ जाएगा, लेकिन हकीकत अलग है।
जेडीयू की मांगें और दावे
जेडीयू का साफ कहना है कि उसे पिछली बार की तरह 122 सीटें चाहिए। भाजपा अपने हिस्से की 121 सीटों में से जितनी चाहे चिराग को दे दे, उस पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। जेडीयू पहले भी विकासशील इंसान पार्टी को अपनी सीटें देने से इनकार कर चुका था और इस बार भी वही रवैया अपना सकता है।
सहयोगियों को मौका देने की तैयारी
जेडीयू ने संकेत दिए हैं कि वह हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को अपने हिस्से से सीटें दे सकता है। पिछली बार हम को सात सीटें मिली थीं। सीट बंटवारे में जेडीयू थोड़ा उदार रुख अपना सकता है लेकिन वह भाजपा से ज्यादा सीटें लेने की जिद पर अड़ा रहेगा।
उम्मीदवारों पर भी बातचीत
भाजपा और जेडीयू सिर्फ सीट ही नहीं बल्कि उम्मीदवार भी सहयोगियों को देने की तैयारी में हैं। भाजपा ने पिछली बार वीआईपी को सीटों के साथ पांच उम्मीदवार दिए थे जिनमें से चार जीतकर भाजपा में शामिल हो गए। इस बार भी यही फार्मूला अपनाया जा सकता है। अगर चिराग को ज्यादा सीटें मिलती हैं तो भाजपा उनसे भी यही शर्त लागू करेगी।
भविष्य की तस्वीर
एनडीए के अंदर यह साफ दिख रहा है कि सीट बंटवारे का झगड़ा अभी खत्म नहीं हुआ है। जेडीयू अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है और भाजपा को चिराग के सवाल से निपटने की जिम्मेदारी सौंप रहा है। आने वाले दिनों में यह तय होगा कि एनडीए सचमुच एकजुट होकर चुनाव लड़ पाएगा या सीट बंटवारे का विवाद और गहराएगा।


