Bihar Elections 2025: सीटों के बंटवारे पर फंस गई RJD, JMM ने मांगी 12 सीटें, 14 अक्टूबर तक का दिया अल्टीमेटम
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार चुनाव में 12 सीटों की मांग करते हुए 14 अक्टूबर तक INDIA गठबंधन को अल्टीमेटम दिया है. अगर सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ, तो JMM अकेले चुनाव लड़ेगा. यह स्थिति महागठबंधन की एकता पर संकट ला सकती है और विपक्षी खेमे को नुकसान पहुंचा सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल अब पड़ोसी राज्य झारखंड तक जा पहुंची है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने विपक्षी गठबंधन INDIA (महागठबंधन) को स्पष्ट चेतावनी दी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि अगर 14 अक्टूबर तक सीट बंटवारे पर सम्मानजनक सहमति नहीं बनती, तो पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला करेगी.
जेएमएम नेता ने कहा कि हम बिहार में कम से कम 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. जब झारखंड में हमने गठबंधन किया था, तब कांग्रेस, राजद और CPI(ML) को सम्मानजनक भागीदारी दी गई थी. अब हम भी बिहार में वही व्यवहार चाहते हैं. यदि ऐसा नहीं होता है तो 15 अक्टूबर को JMM की केंद्रीय समिति की बैठक में हम अगला निर्णय लेंगे.
हम किसी की बी-टीम नहीं हैं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि JMM की अपनी स्वतंत्र पहचान है और वह किसी की ‘बी-टीम’ नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी का संगठन मजबूत है और उसका जनाधार स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि हम गठबंधन में हैं, लेकिन अगर हमारे साथ अन्याय होता है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. JMM ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी BJP के खिलाफ चुनाव लड़ने की रणनीति रखने में सक्षम है और अगर ज़रूरत पड़ी तो अकेले मैदान में उतरने से पीछे नहीं हटेगी.
महागठबंधन के लिए नई परेशानी
JMM के इस सख्त रुख ने बिहार में महागठबंधन (INDIA) की आंतरिक खींचतान को और गहरा कर दिया है. बिहार में पहले से ही RJD, कांग्रेस, CPI(ML) और अन्य दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर तनाव है. ऐसे में JMM का अलग रुख गठबंधन की एकता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है.
अब सबकी नजरें RJD और कांग्रेस पर टिकी हैं कि वे JMM को सीट बंटवारे में किस तरह से संतुष्ट करते हैं. यदि 14 अक्टूबर तक सहमति नहीं बनती है, तो JMM अपने अलग रास्ते पर जा सकता है.
विपक्षी एकता को झटका लगने की आशंका
अगर JMM गठबंधन से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय लेता है, तो विपक्षी एकता को बड़ा नुकसान हो सकता है. इसका सीधा फायदा BJP को मिल सकता है, जो पहले ही बिहार में चुनाव की तैयारियों में जुटी है.
महागठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती अब JMM को मनाने की है. क्योंकि अगर झारखंड में सत्ता में सहयोगी पार्टी का भरोसा नहीं जीत पाए, तो बिहार में विपक्ष की स्थिति कमजोर हो सकती है.


