वक्फ पर उठते सवालों के बीच बीजेपी ने थामा संवाद का रास्ता, सियासत गरमाई
बीजेपी के अल्पसंख्यक नेता मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर यह स्पष्ट करेंगे कि नया वक्फ कानून पूर्ववर्ती वक्फ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं डालेगा और न ही इन संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों की मांग की जाएगी. यह अभियान आगामी एक महीने तक चलाया जाएगा. मोदी सरकार के खिलाफ वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जो गलतफहमियां और विरोध का माहौल बन रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने ‘वक्फ जागरण अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि मुस्लिम समाज में फैली आशंकाओं को दूर किया जा सके और उन्हें विधेयक की वास्तविकताओं से अवगत कराया जा सके.

वक्फ संशोधन विधेयक पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुस्लिम संगठनों के बीच जारी शह-मात के खेल में हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हैं. मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज़ कर दिए हैं. वहीं, बीजेपी 'वक्फ जागरण अभियान' के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के बीच इस कानून के फायदों को पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
विरोध प्रदर्शन और मुस्लिम संगठनों की चिंताएं
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और अन्य मुस्लिम संगठनों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. इन संगठनों का आरोप है कि यह विधेयक संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. जंतर मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में नेताओं ने कहा कि इस विधेयक का असली उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना है.
बीजेपी का 'वक्फ जागरण अभियान'
बीजेपी ने मुस्लिम समुदाय के बीच इस विधेयक के फायदों को पहुंचाने के लिए 'वक्फ जागरण अभियान' शुरू किया है. इस अभियान के तहत पार्टी ने मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाई है, जो वक्फ संशोधन कानून की बारीकियों को समझाने के लिए वर्कशॉप आयोजित कर रही है. बीजेपी का दावा है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं और पसमांदा मुसलमानों के हित में है और इससे वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता आएगी.
विधेयक की मुख्य विशेषताएँ और विवाद
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 में वक्फ अधिनियम, 1995 में कई बदलाव प्रस्तावित हैं. इनमें वक्फ बोर्ड में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाना और जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों से संबंधित मामलों में अधिकार देना शामिल है. विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये प्रावधान धार्मिक मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप को बढ़ावा देंगे और वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता को कम करेंगे.
बीजेपी और सहयोगी दलों की रणनीति
बीजेपी ने इस विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न रणनीतियाँ बनाई हैं. पार्टी का मानना है कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं और पसमांदा मुसलमानों को लाभ होगा, जो अब तक वक्फ संपत्तियों के लाभ से वंचित थे. बीजेपी के सहयोगी दलों में भी इस विधेयक को लेकर बेचैनी देखी जा रही है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय की नाराजगी से चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं.


