ब्रह्मोस प्राइमरी हथियार था...DRDO चीफ ने बताया- ऑपरेशन सिंदूर में कौन-कौन से Weapon का हुआ इस्तेमाल
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश, D-4 और MR-SAM जैसे स्वदेशी हथियारों के साथ पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमान गिराकर अपनी रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भर तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन किया. DRDO प्रमुख समीर कामत ने इसे भारत की रणनीतिक दूरदर्शिता और IAF की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली की सफलता का प्रमाण बताया.

BrahMos Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष समीर कामत ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य मिशन था, बल्कि यह भारत की स्वदेशी तकनीक, आत्मनिर्भरता और रणनीतिक सोच का सशक्त प्रमाण है. पुणे स्थित उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (DIAT) के चौथे दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी तकनीकी क्षमता के बल पर आत्मरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है.
एयर चीफ मार्शल का खुलासा
उनके बयान से कुछ घंटे पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने जानकारी दी थी कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया. उन्होंने इसे भारत के इतिहास में सतह से हवा में मार गिराने का सबसे बड़ा ऑपरेशन बताया.
मिशन से परे था ऑपरेशन सिंदूर
कामत ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक सामान्य मिशन नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा स्वदेशी तकनीक से करने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने इसे रणनीतिक दूरदर्शिता और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन का उत्कृष्ट उदाहरण बताया.
ब्रह्मोस मिसाइल का सटीक प्रहार
इस अभियान में भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने अहम भूमिका निभाई. रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित इस मिसाइल ने पाकिस्तान के भीतर कई लक्ष्यों पर सटीक वार किया. कामत के अनुसार, सुखोई-30MKI विमान से एयर-लॉन्च ब्रह्मोस को तैनात किया गया, जिसने उच्च प्रभावी क्षमता का प्रदर्शन किया.
रक्षात्मक हथियारों की तैनाती
आक्रामक हथियारों के साथ-साथ, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, D-4 ड्रोन-रोधी प्रणाली और MR-SAM का भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया. इन प्रणालियों ने हवाई खतरों को निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
आकाशतीर की एआई क्षमता
DRDO प्रमुख ने बताया कि सभी सेंसरों को आकाशतीर नामक AI-आधारित प्रणाली से जोड़ा गया. यह प्रणाली विभिन्न सेंसरों और हथियारों को नेटवर्क करके आने वाले खतरे के आधार पर उपयुक्त हथियार का चयन करने में मदद करती है. इससे खतरों की पहचान और उनका त्वरित निराकरण संभव हुआ.
नियंत्रण प्रणाली का उपयोग
हवाई निगरानी के लिए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&C) का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे दुश्मन की गतिविधियों का समय रहते पता चल सका और त्वरित कार्रवाई संभव हुई.
IAF की एकीकृत प्रणाली का योगदान
कामत ने बताया कि आकाशतीर प्रणाली, भारतीय वायुसेना की इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) का हिस्सा है, जो वायु रक्षा अभियान में केंद्रीय भूमिका निभाती है. ऑपरेशन सिंदूर में यह घटक वायु रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हुआ.


