Chamoli Avalanche: सेना ने दो और शव बरामद किए, मृतकों की संख्या छह हुई
Chamoli Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में हुए हिमस्खलन की घटना में बचाव अभियान के दूसरे दिन सेना ने बर्फ के नीचे से दो और शव बरामद किए, जिससे मरने वालों की संख्या छह हो गई. इस बीच, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के वे कर्मचारी जो बच गए लेकिन घायल हो गए, उन्हें जोशीमठ सेना अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया.

Chamoli Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में हुए हिमस्खलन की घटना में बचाव अभियान के दूसरे दिन सेना ने बर्फ के नीचे से दो और शव बरामद किए, जिससे मरने वालों की संख्या छह हो गई. इस बीच, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के वे कर्मचारी जो बच गए लेकिन घायल हो गए, उन्हें जोशीमठ सेना अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया. अब तक कुल 54 में से 46 बीआरओ कर्मचारियों को बचा लिया गया है. हालांकि, बचाए गए चार कर्मचारियों की चोटों के कारण मौत हो गई. और दो मृत पाए गए.
पहले कहा जा रहा था कि कुल 55 मजदूर फंसे हुए हैं, लेकिन जिलाधिकारी के अनुसार इनमें से एक मजदूर छुट्टी पर था और घर पर था. इस प्रकार कुल पीड़ित मजदूरों की संख्या 54 हो गई, जिनमें से चार की मौत हो गई है, जबकि चार अभी भी फंसे हुए हैं. इस बीच, बचाव प्रयासों को तेज करने के लिए, राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की एक टीम जोशीमठ से विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ माणा-बद्रीनाथ में हिमस्खलन में फंसे शेष पांच श्रमिकों की तलाश के लिए रवाना हुई.
पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू ऑपरेशन की कर रहे समीक्षा
सीएम पुष्कर सिंह धामी भी पहले दिन से ही रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे हैं. आज वह लगातार दूसरे दिन चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा करने के लिए देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे. डीएम चमोली संदीप तिवारी के अनुसार, "कल डॉक्टरों ने 4 मौतों की पुष्टि की है. पहले कुल संख्या 55 थी, लेकिन अब हमें जानकारी मिली है कि इनमें से एक कर्मचारी अनधिकृत छुट्टी पर था, और वह घर आ गया है. कुल संख्या घटकर 54 हो गई है, जिनमें से 4 लोग अभी भी लापता हैं."
बचाव प्रयास जारी
उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें खोजी कुत्तों के साथ खोज एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गई हैं. मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा बचाव अभियान की निगरानी के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं. इस अभियान में छह हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं - भारतीय सेना विमानन कोर के तीन, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो और सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक सिविल हेलिकॉप्टर.
अभी भी कौन फंसे हुए हैं?
बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आखिरी गांव है. इसमें कहा गया है कि चार मजदूर अभी भी लापता हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश के हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश के अशोक और उत्तराखंड के अनिल कुमार और अरविंद सिंह शामिल हैं.


