केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: पेंशन स्कीम में बदलाव, निवेश पर मिलेगा ज्यादा कंट्रोल
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में निवेश के विकल्पों को बढ़ाकर 6 कर दिया है.

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में निवेश के विकल्पों को बढ़ाकर 6 कर दिया है, जिससे सब्सक्राइबर्स को अपने निवेश पर अधिक नियंत्रण मिलेगा.
जोखिम क्षमता और निवेश लक्ष्य के हिसाब से विकल्प
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के इस नए अपडेट के तहत कर्मचारी अब अपनी जोखिम क्षमता और निवेश लक्ष्य के हिसाब से बेहतर विकल्प चुन सकेंगे. इससे पहले अधिकांश सरकारी कर्मचारी डिफॉल्ट स्कीम में ही निवेश करते थे और केवल लगभग 4% ने ही अलग विकल्पों का चुनाव किया था.
डिफॉल्ट स्कीम में कर्मचारियों का योगदान तय एसेट एलोकेशन पैटर्न के अनुसार तीन पेंशन फंड्स के माध्यम से मैनेज किया जाता था. अब वित्त मंत्रालय की नई अधिसूचना के बाद PFRDA ने दो नए ऑटो चॉइस विकल्प जोड़े हैं. कुल मिलाकर सरकारी कर्मचारियों के पास अब छह विकल्प हैं- डिफॉल्ट स्कीम, 100% G-Sec वाला एक्टिव चॉइस और चार अलग-अलग लाइफ साइकिल मॉडल (LC मॉडल) जिनमें उम्र के अनुसार इक्विटी की हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम होती है.
नए विकल्पों में सबसे अहम हैं ऑटो चॉइस एलसी 75 (हाई रिस्क) और एलसी एग्रेसिव. ये विशेष रूप से युवा कर्मचारियों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं. LC 75 मॉडल में 35 साल की उम्र तक 75% राशि इक्विटी में निवेश हो सकती है, जो 55 वर्ष की उम्र तक घटकर 15% रह जाती है. वहीं, LC एग्रेसिव मॉडल में 45 साल तक 50% और 55 साल तक 35% तक इक्विटी निवेश बनाए रखा जा सकता है. इसका उद्देश्य यह है कि कर्मचारी लंबी अवधि में शेयर बाजार की वृद्धि का लाभ उठाकर बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस तैयार कर सकें.
PFRDA ने सब्सक्राइबर्स को क्या सलाह दी?
जो कर्मचारी डिफॉल्ट स्कीम छोड़ना चाहते हैं, उन्हें उपलब्ध पांच नॉन-डिफॉल्ट विकल्पों में से एक चुनना होगा और PFRDA के 10 पेंशन फंड मैनेजर्स में से किसी एक को नियुक्त करना होगा. PFRDA ने सभी सब्सक्राइबर्स को सलाह दी है कि वे समय-समय पर अपने चुने गए विकल्पों की परफॉर्मेंस देखें और समझदारी से निर्णय लें.
नई स्कीमों का अपडेटेड रिटर्न डेटा NPS ट्रस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है. अच्छी बात यह है कि ये नए विकल्प अब CRA प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो गए हैं, जिससे सरकारी कर्मचारी तुरंत ही अपना निवेश प्रोफाइल बदलकर अधिक लाभकारी विकल्पों का चयन कर सकते हैं. इस कदम से न केवल कर्मचारियों को निवेश में स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि उनके रिटायरमेंट फंड की सुरक्षा और बढ़ोतरी की संभावना भी बढ़ जाएगी.


