फर्जी ID से टिकट बुकिंग पर लगाम! IRCTC ने पकड़े 3.03 करोड़ फर्जी अकाउंट्स, 2.70 करोड़ सस्पेंड
भारतीय रेलवे ने आईआरसीटीसी पर टिकट बुकिंग में सक्रिय ‘डिजिटल भूतों’ यानी फर्जी यूजर आईडी पर कड़ा प्रहार किया है. लाखों फर्जी अकाउंट्स की पहचान कर 3.03 करोड़ को डीएक्टिवेट किया गया और 2.70 करोड़ संदेहास्पद अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया.

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे के टिकट बुकिंग सिस्टम आईआरसीटीसी पर लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है. त्योहारों और छुट्टियों के सीजन में लाखों यात्री जब टिकट बुक करने ऐप खोलते हैं, तो सिर्फ दो ही संदेश दिखाई देते हैं – वेटिंग लिस्ट और सोल्ड आउट. इसके पीछे की मुख्य वजह थी लाखों की संख्या में सक्रिय ‘डिजिटल भूत’, यानी फर्जी यूजर आईडी, जिन्हें बॉट्स और दलाल सेकेंडों में टिकट हड़पने के लिए इस्तेमाल करते थे. इन डिजिटल भूतों की वजह से असली यात्रियों के लिए टिकट पाना मुश्किल हो गया था.
रेलवे ने शुरू किया पहचान और वैरिफिकेशन अभियान
असली यात्रियों के लिए आसान और सुरक्षित टिकट बुकिंग
रेलवे ने इस अभियान का मकसद स्पष्ट किया है – टिकट बुकिंग को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना. अब हर यात्री केवल अपनी सत्यापित आईडी से ही टिकट बुक कर पाएगा. यह कदम न केवल बॉट्स और दलालों पर लगाम लगाएगा, बल्कि असली यात्रियों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग को आसान और त्वरित बना देगा. आईआरसीटीसी एप का सत्यापन कराना जरूरी है, वरना टिकट बुक करते समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
डिजिटल भूतों के खिलाफ रेलवे की सफलता
रेलवे का यह अभियान फर्जी अकाउंट्स और डिजिटल भूतों पर कड़ा प्रहार साबित हुआ है. इस अभियान से असली यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित हुई है और दलालों की गतिविधियों में भारी कमी आई है. अब आईआरसीटीसी एप के माध्यम से यात्रा करना सरल और सुरक्षित हो गया है. भारतीय रेलवे का यह कदम डिजिटल टिकटिंग को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.


