पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण की समयसीमा बदली, अब 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी अंतिम सूची
पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव अब बस ढाई साल दूर रह गया है. इसी बीच चुनाव आयोग ने कमर कस ली है और एक बड़ा अभियान चला रहा है. पूरे राज्य की मतदाता सूची को चमक-दमक कर नई और बिल्कुल सटीक बनाने का मिशन, नया नाम जुड़े, पुराना नाम हटे, पता बदला हो तो अपडेट हो, कोई गलती न रहे सब कुछ दुरुस्त किया जा रहा है. ताकि 2026 में जब वोट डालने की बारी आए, तो एक भी वोटर यह न कह सके कि मेरा नाम ही लिस्ट में नहीं है.

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की समयसीमा में बड़ा बदलाव किया गया है. चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन की तिथि को संशोधित करते हुए अब 14 फरवरी 2026 तय कर दिया है. यह कदम राज्य में चल रहे व्यापक घर-घर सर्वेक्षण और मतदान केंद्रों की जरूरतों को देखते हुए उठाया गया है.
बुधवार को जारी आधिकारिक आदेश में आयोग ने स्पष्ट किया कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) द्वारा घर-घर सर्वे का कार्य 11 दिसंबर 2025 को पूरा हो जाएगा. इसके बाद पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्य चरण संशोधित तिथियों के अनुसार पूरे किए जाएंगे.
नई समयसीमा
नए कार्यक्रम के अनुसार 11 दिसंबर 2025 तक घर-घर सर्वेक्षण समाप्त होगा. इसके बाद 16 दिसंबर 2025 को मसौदा मतदाता सूची (ड्राफ्ट रोल) प्रकाशित की जाएगी. 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दाखिल करने का समय निर्धारित किया गया है.
7 फरवरी 2026 तक सभी दावे-आपत्तियों का निपटारा, विशेष सत्यापन अभियान की समाप्ति और मतदान केंद्रों का युक्तिकरण पूरा करना आवश्यक होगा. इसके पश्चात 14 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी.
SIR अभियान में BLOs की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
पश्चिम बंगाल में SIR अभियान के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उन घटनाओं के मद्देनजर दिया गया है, जिनमें BLOs को धमकियों और हिंसा का सामना करना पड़ा है.
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने टिप्पणी की कि BLOs अत्यधिक कार्यभार के कारण तनाव और दबाव में काम कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि यह डेस्क जॉब नहीं है. वे घर-घर जाते हैं, सत्यापन करते हैं, फिर उसे अपलोड करते हैं. पूरे प्रक्रिया का भारी दबाव उन पर है और यह उन्हें तनाव में डाल रहा है.
12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहा है SIR
पश्चिम बंगाल के साथ ही 11 अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया जारी है. राज्य में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन और सटीक बनाने के लिए इस अभियान को प्राथमिकता दे रहा है.


