JNU कैंपस में ‘I Love Mohammad’ लिखे जाने से मचा बवाल, छात्रसंघ चुनाव से पहले दिल्ली में सियासी तूफान उठा
दिल्ली के JNU कैंपस में दीवारों और पोस्टरों पर लिखे गए ‘I Love Mohammad’ से विवाद भड़क गया। 4 नवंबर के छात्रसंघ चुनाव से पहले माहौल गरमा गया है।

नई दिल्ली. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की दीवारों पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘I Love Mohammad’ लिखा पाया गया। कैंपस के कई हॉस्टलों और मुख्य गेट के पास यह स्लोगन अचानक दिखाई दिया। इस नारे के साथ ही कुछ पोस्टर भी लगाए गए जिन पर यही संदेश लिखा था। सवाल यह है कि आखिर इन नारों के पीछे कौन है और क्यों चुनाव से ठीक पहले इस तरह की हरकत की गई।
चुनाव से पहले गरमा रहा माहौल
JNU में 4 नवंबर 2025 को छात्रसंघ चुनाव होने हैं। उससे पहले लगातार विवाद खड़े हो रहे हैं। कभी होस्टल के खाने को लेकर लड़ाई, कभी दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर विवाद और कभी GBM में हाथापाई। अब यह नया मामला ‘I Love Mohammad’ लिखने से सामने आया है। ऐसा लगता है कि कोई जानबूझकर माहौल को गरमाना चाहता है।
गार्ड्स ने साफ किया पर सवाल बाकी
सूत्रों के मुताबिक कैंपस में तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स ने तुरंत इन पोस्टरों और नारों को साफ कर दिया। लेकिन सवाल वहीं का वहीं खड़ा है कि आखिर इसे लिखा किसने। अब तक कोई सबूत सामने नहीं आया और न ही किसी को पकड़ा जा सका। इस वजह से अटकलें और तेज हो गई हैं।
संगठन भिड़े, आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इस मामले पर ABVP और लेफ्ट संगठन आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। JNU छात्रसंघ के जनरल सेक्रेटरी वैभव मीणा ने प्रशासन को औपचारिक शिकायत भी दी है। उन्होंने जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
ध्रुवीकरण की रणनीति का आरोप
लेफ्ट छात्र संगठन का आरोप है कि हार के डर से विरोधी ध्रुवीकरण करने में लगे हैं। वहीं ABVP का कहना है कि यह काम वामपंथी गुटों का है ताकि धार्मिक मुद्दे को हवा देकर वोटों को प्रभावित किया जा सके। दोनों तरफ से बयानबाज़ी तेज हो गई है और माहौल और ज्यादा गर्माता जा रहा है।
JNU और विवाद का रिश्ता पुराना
यह कोई पहला मौका नहीं है जब JNU विवादों में घिरा हो। कभी कश्मीर पर नारेबाज़ी, कभी राष्ट्रवाद बनाम आज़ादी का मुद्दा और अब ‘I Love Mohammad’ का नारा। हर बार चुनाव से पहले विवाद खड़े होते रहे हैं और यह परंपरा अब भी जारी है। यही वजह है कि लोग कहते हैं JNU और विवाद एक-दूसरे के साथी हैं।
जांच से पहले बढ़ा तनाव
अभी तक जांच शुरू भी नहीं हुई और विवाद पहले से ही सियासी रंग ले चुका है। सोशल मीडिया पर भी #JNU और #ILoveMohammad ट्रेंड कर रहा है। छात्र और प्रोफेसर दोनों इस विवाद से परेशान हैं। सभी की निगाहें अब प्रशासन और चुनावी नतीजों पर टिकी हैं। सवाल यह है कि क्या यह मामला चुनाव को प्रभावित करेगा या सिर्फ एक और JNU विवाद बनकर रह जाएगा।


