छोटे अपराधों पर जेल खत्म! दिल्ली कैबिनेट ने पास किया जन विश्वास विधेयक
दिल्ली में छोटे-मोटे अपराधों को लेकर कानून अब और नरम होने जा रहा है. रेखा गुप्ता कैबिनेट ने एक ऐसा बिल मंजूर किया है, जिससे मामूली नियम उल्लंघन पर जेल नहीं, बल्कि जुर्माने का प्रावधान होगा। इस फैसले को आम जनता और कारोबारियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली में छोटे अपराधों को लेकर आम लोगों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिलने वाली है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली जन विश्वास उपबंध संशोधन विधेयक-2026 को मंजूरी दे दी है. इस फैसले को राजधानी की प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था में एक अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.
इस विधेयक का मकसद साफ है छोटे-मोटे नियम उल्लंघनों को आपराधिक अपराध की श्रेणी से बाहर निकालकर उन्हें सिविल पेनाल्टी में बदलना. इससे न सिर्फ लोगों को जेल और कोर्ट-कचहरी के चक्कर से राहत मिलेगी, बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकेगा.
क्या है दिल्ली जन विश्वास उपबंध संशोधन विधेयक-2026
दिल्ली सरकार द्वारा मंजूर किया गया यह बिल छोटे प्रशासनिक और तकनीकी उल्लंघनों को अपराध मानने की परंपरा को खत्म करने की दिशा में कदम है. अब ऐसे मामलों में एफआईआर, गिरफ्तारी या जेल की जगह जुर्माने का प्रावधान होगा.
सरकार का मानना है कि इससे कानून का डर कम नहीं होगा, बल्कि नियमों का पालन ज्यादा सहज और व्यावहारिक तरीके से हो सकेगा.
बिजनेस और आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह विधेयक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा. छोटे नियमों में चूक पर आपराधिक केस दर्ज न होने से कारोबारियों को अनावश्यक कानूनी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा.
साथ ही आम नागरिकों के लिए भी रोजमर्रा की जिंदगी आसान होगी, क्योंकि अब मामूली गलतियों पर जेल जाने का खतरा नहीं रहेगा.
किन कानूनों पर लागू होगा नया प्रावधान
इस विधेयक के दायरे में दिल्ली के कई अहम कानूनों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं
- दिल्ली इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट
- दिल्ली शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट
- ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ बेड एंड ब्रेकफास्ट एक्ट
- दिल्ली जल बोर्ड एक्ट
- दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेजेज एक्ट
- डिप्लोमा लेवल टेक्निकल एजुकेशन एक्ट
- दिल्ली एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट
इन सभी कानूनों के तहत अब छोटे उल्लंघनों पर जेल या आपराधिक मुकदमे की बजाय आर्थिक दंड लगाया जाएगा.
हर तीन साल में बढ़ेगा जुर्माना
बिल में यह प्रावधान भी किया गया है कि जुर्माने की राशि में हर तीन साल में स्वतः 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. इसका उद्देश्य महंगाई के साथ जुर्माने को प्रभावी बनाए रखना है, ताकि नियमों का पालन बना रहे.
विधानसभा में कब पेश होगा बिल
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि इस विधेयक को दिल्ली विधानसभा के विंटर सेशन में पेश किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 5 जनवरी से होगी. उन्होंने कहा कि यह बिल केंद्र सरकार के जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम की तर्ज पर तैयार किया गया है.
ईज ऑफ लिविंग की ओर एक कदम
सीएम रेखा गुप्ता के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य दिल्ली में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूत करना है. यह फैसला भरोसे, सरलता और व्यवहारिक प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


