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मानी गई मांगे...मनोज जारांगे ने खत्म किया आंदोलन, रात 9 बजे तक खाली करेंगे आजाद मैदान

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे-पाटिल ने सरकार द्वारा उनकी सभी प्रमुख मांगें स्वीकार किए जाने पर आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की. हैदराबाद राजपत्र तत्काल लागू होगा और अन्य दस्तावेजों के लिए सरकार ने समय मांगा है. वो आजाद मैदान रात 9 बजे तक खाली कर देंगे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Maratha reservation: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे-पाटिल ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने मराठों के लिए आरक्षण लाभ की उनकी मांग स्वीकार कर ली है. उन्होंने घोषणा की है कि सरकार द्वारा इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए जाने के बाद वे रात 9 बजे तक दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान को खाली कर देंगे.

सरकार ने हैदराबाद और सतारा राजपत्रों को लागू करने, मराठों और कुनबी को एक ही बताने वाली अधिसूचना और पिछले साल जारी "सेज सोयरे" (रक्त और वैवाहिक रिश्तेदार) अधिसूचना को लागू करने की मांग को स्वीकार कर लिया है, जारांगे-पाटिल ने कहा कि जो मांग कर रहे हैं कि मराठवाड़ा के सभी मराठों को कुनबी माना जाना चाहिए जैसा कि निजाम शासन के दौरान उनके साथ किया जाता था.

पांच दिन से भूख हड़ताल पर थे जारांगे

जारांगे ने कहा कि सरकार ने मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की उनकी मांग भी स्वीकार कर ली है. जारेंज-पाटिल ने यह घोषणा जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के नेतृत्व में एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल द्वारा आजाद मैदान में उनसे मुलाकात के बाद की, जहां मराठा कार्यकर्ता पिछले पांच दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. प्रतिनिधिमंडल ने उनकी मांगों पर सहमति जताते हुए सरकारी प्रस्ताव (जीआर) का मसौदा जारांगे-पाटिल को सौंपा.

रात 9  बजे तक खाली करेंगे आजाद मैदान

जरांगे-पाटिल ने धरना स्थल पर अपने समर्थकों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं को जोड़ते हुए कहा कि हमें मसौदा सरकारी प्रस्ताव की एक प्रति मिल गई है और विशेषज्ञों का एक समूह एक घंटे में इसका अध्ययन करेगा. उनकी स्वीकृति मिलने के बाद, सरकार एक घंटे में सरकारी प्रस्ताव जारी करेगी, जिसके बाद हम आंदोलन वापस लेने पर निर्णय लेंगे. हम जनवरी 2024 में वाशी में हुए आंदोलन की तरह औंधे मुंह नहीं गिरना चाहते. एक बार सरकारी प्रस्ताव जारी हो जाने के बाद, मैं सरकार को आश्वासन देता हूं कि आज रात 9 बजे तक मुंबई खाली करा दी जाएगी.

सरकार ने मांगा एक महीने का समय

जारांगे ने कहा कि सरकार हैदराबाद राजपत्र को तत्काल प्रभाव से लागू करने पर सहमत हो गई है तथा सतारा और पुणे-औंध राजपत्र को लागू करने के लिए एक महीने का समय मांगा है, क्योंकि इसमें कुछ कानूनी मुद्दे हैं.

प्रतिनिधिमंडल ने 2023 और 2024 में आंदोलन के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी शेष मामलों को वापस लेने पर भी सहमति व्यक्त की. आरक्षण के लिए अपनी जान देने वाले मराठा युवाओं को नकद मुआवजे के अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य परिवहन और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम में अनुकंपा के आधार पर इन युवाओं के परिवार के सदस्यों को नौकरी देने पर भी सहमति व्यक्त की.

 

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02 September 2025, 06:03 PM IST

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