राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रयागराज के शख्स की बढ़ी मुश्किलें, कॉल-मैसेज की आ गई बाढ़; जानें पूरा मामला
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रयागराज निवासी अंजनी मिश्रा का निजी नंबर दिखने से उन्हें लगातार अज्ञात कॉल आ रहे हैं, जिससे वे मानसिक दबाव में हैं और पुलिस में शिकायत की तैयारी कर रहे हैं, वहीं राहुल ने वोट चोरी के आरोप लगाए जिन्हें चुनाव आयोग ने खारिज किया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक व्यक्ति का निजी मोबाइल नंबर स्क्रीन पर दिखाए जाने से वह शख्स लगातार परेशानियों का सामना कर रहा है. प्रयागराज निवासी अंजनी मिश्रा नामक इस व्यक्ति का कहना है कि उन्हें तब से लगातार अज्ञात लोगों के कॉल और संदेश आ रहे हैं, जिससे उनका व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन प्रभावित हो रहा है.
फोन नंबर दिखने से शुरू हुई परेशानी
अंजनी मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह मोबाइल नंबर उनके पास पिछले 15 वर्षों से है और उन्होंने कभी भी मतदाता सूची से अपना नाम हटवाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया. मिश्रा ने कहा कि जब उन्होंने 18 सितंबर को टीवी पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी, तो वे यह देखकर चौंक गए कि स्क्रीन पर उनका निजी नंबर दिखाया गया था. उनका कहना है कि इस घटना के बाद से ही उन्हें देशभर से लगातार कॉल आ रहे हैं, जिनमें कई लोग अपशब्द कह रहे हैं या वोटर लिस्ट से नाम हटाने से संबंधित सवाल पूछ रहे हैं. इस वजह से वे मानसिक रूप से भी दबाव महसूस कर रहे हैं.
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी
मिश्रा ने बताया कि वह इस मामले में अब औपचारिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं. उनका कहना है कि यह उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन है और इस प्रकार का उत्पीड़न किसी भी व्यक्ति को सहन नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह साइबर सेल और स्थानीय पुलिस दोनों को इसकी सूचना देंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
राहुल गांधी ने लगाए वोट चोरी के आरोप
गौरतलब है कि दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं सुनियोजित तरीके से वोट चोरी में शामिल हैं और कई राज्यों में मतदाताओं के नाम हटाए या बदले जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के समर्थकों को निशाना बनाने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित हेराफेरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. राहुल गांधी ने उदाहरण देते हुए कहा कि कर्नाटक के अलंद क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाए गए, जबकि महाराष्ट्र के राजुरा में नए नाम जोड़े गए, जिससे मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की गई.
चुनाव आयोग ने आरोपों को किया खारिज
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से यह भी मांग की कि वह जांच एजेंसियों को जरूरी रिकॉर्ड उपलब्ध कराए ताकि इस कथित साजिश का पर्दाफाश हो सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आने वाले हफ्तों में और भी साक्ष्य पेश करेगी. हालांकि, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इन आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया. आयोग ने कहा कि किसी भी मतदाता का नाम सूची से हटाने से पहले उसे नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाता है और यह प्रक्रिया पारदर्शी होती है.


