करोड़ों की धोखाधड़ी, 40 देशों की यात्रा, 20 से अधिक बैंक खाते... फर्जी राजदूत हर्षवर्धन जैन का भंडाफोड़
गाजियाबाद निवासी हर्षवर्धन जैन ने वेस्टआर्कटिका जैसे काल्पनिक देशों का राजनयिक होने का दावा करते हुए एक फर्जी वाणिज्य दूतावास चलाया. उसके पास 12 राजनयिक पासपोर्ट थे और उसने 10 वर्षों में लगभग 40 देशों की यात्रा की.

गाजियाबाद के कवि नगर क्षेत्र में रहने वाले 47 वर्षीय हर्षवर्धन जैन को एक किराए के मकान से फर्जी वाणिज्य दूतावास (Fake Consulate) चलाने के आरोप में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने गिरफ्तार किया है. वह खुद को ऐसे देशों का राजनयिक (Diplomat) बता रहा था जो दुनिया के किसी भी आधिकारिक रिकॉर्ड में मौजूद नहीं हैं, जैसे – वेस्टआर्कटिका, सेबोर्गा, लाडोनिया और पाउलोविया.
12 राजनयिक पासपोर्ट और 40 देशों की यात्राएं
जांच में पता चला है कि हर्षवर्धन के पास 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट हैं. पिछले 10 वर्षों में उसने करीब 40 देशों की यात्राएं की हैं. वह अक्सर यूरोपीय और खाड़ी देशों में भ्रमण करता था, जहां वह खुद को उच्च पदस्थ राजनयिक बताकर लोगों को धोखा देता था.
विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
हर्षवर्धन लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और उनसे मोटी रकम वसूलता था. STF की रिपोर्ट के अनुसार, वह इस बहाने से खाड़ी और यूरोपीय देशों में बार-बार जाता था. वह कई फर्जी कंपनियां चलाता था, जिनमें कभी खुद को निदेशक तो कभी सचिव बताता था.
तुर्की नागरिक से 20 करोड़ रुपये का लेनदेन
एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा यह है कि 2002 से 2004 के बीच हर्षवर्धन जैन ने तुर्की के एक नागरिक सैयद एहसान अली से कुल 20 करोड़ रुपए का लेनदेन किया था. यह रकम किन प्रयोजनों के लिए ली गई, इसकी जांच अभी चल रही है.
देश-विदेश में कुल 20 बैंक अकाउंट्स
हर्षवर्धन के भारत में 12 और विदेशों में 8 बैंक खाते हैं. विदेशों में जिन स्थानों पर उसके खाते मिले हैं, उनमें दुबई में 5, लंदन में 2 और मॉरीशस में 1 खाता शामिल है. पुलिस इन खातों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को खंगाल रही है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के सुराग मिल सकें.
इन देशों की की थी यात्रा
जांच के अनुसार, हर्षवर्धन जैन ने ब्रिटेन, यूएई, मॉरीशस, तुर्की, फ्रांस, इटली, बुल्गारिया, कैमरून, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, श्रीलंका और बेल्जियम जैसे देशों का दौरा किया था. इन यात्राओं के पीछे का मकसद अब जांच एजेंसियों की निगरानी में है.
ब्लू कॉर्नर नोटिस की तैयारी
उत्तर प्रदेश STF ने हर्षवर्धन के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, ताकि इंटरपोल के ज़रिए उसकी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके. साथ ही, STF ने कोर्ट से उसे पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध किया है ताकि पूछताछ में और गहराई लाई जा सके.
विभिन्न कानूनी धाराओं में मामला दर्ज
हर्षवर्धन जैन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें शामिल हैं:
धारा 318(4): धोखाधड़ी
धारा 336(3): जालसाजी
धारा 338: मूल्यवान प्रतिभूतियों की जालसाजी
धारा 340(2): फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाना
फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उससे गहन पूछताछ की जा रही है. हर्षवर्धन जैन का यह पूरा नेटवर्क ना केवल धोखाधड़ी का मामला है, बल्कि इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर प्रश्न भी खड़े होते हैं.
आपको बता दें कि भारत में बैठे-बैठे खुद को किसी विदेशी देश का राजनयिक घोषित करना और विदेशों में लोगों से करोड़ों की ठगी करना, एक सुनियोजित अपराध की ओर इशारा करता है. अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां कितनी गहराई तक इस जालसाजी के तार खंगाल पाती हैं.


