गणेश महोत्सव आज से शूरू, जानें गणपति बप्पा के पूजा विधि और स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का सबसे शुभ और विशेष अवसर माना जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता गणपति की पूजा-अर्चना से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है. भगवान गणेश के पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त को सबसे उत्तम समय माना गया है.

Ganesh chaturthi muhurat 2025: भगवान गणेश का जन्मदिन गणेश चतुर्थी के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व भगवान गणेश के आगमन की खुशी में 10 दिनों तक मनाया जाता है, जो गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है. इस दिन भक्तों द्वारा भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं.
गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा का सही समय
भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न के समय हुआ था और इस कारण गणेश पूजन के लिए मध्याह्न काल को सबसे शुभ माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से शुरू होगी और 27 अगस्त यानी आज दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी.
गणेश पूजन का मध्याह्न मुहूर्त
आज भगवान गणेश की पूजा के लिए विशेष मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 34 मिनट की होगी. यह समय भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, और इस दौरान किए गए पूजा-अर्चना से विशेष फल प्राप्त होता है.
गणेश स्थापना की विधि
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पूजा स्थल की सफाई: सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर साफ कर लें.
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गणेश प्रतिमा की स्थापना: शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को एक चौकी पर रखें. चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए.
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ध्यान और स्नान: भगवान गणेश का ध्यान करके, उनकी मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं.
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वस्त्र और आभूषण: भगवान गणेश को नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं.
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पूजा का संकल्प: हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पूजा का संकल्प लें.
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दूर्वा और फूल अर्पित करें: भगवान गणेश को दूर्वा घास और लाल फूल अर्पित करें.
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भोग अर्पित करें: भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग अर्पित करें.
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आरती का पाठ: अंत में भगवान गणेश की आरती करें.


