टैरिफ तनाव के बीच भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने 2+2 तंत्र के तहत की चर्चा, संबंधों में सुधार की उम्मीद
भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को हुई मीटिंग में अधिकारियों ने आपसी सहयोग को बढ़ावा देने वाली पहलों पर जोर दिया, क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया और साझा रणनीतिक लक्ष्यों को लेकर अपने विचारों का उत्साहपूर्वक आदान-प्रदान किया.

India-US: भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सप्ताह एक मीटिंग में महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध और रक्षा सहयोग शामिल हैं. यह बैठक दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रालयों के बीच 2+2 तंत्र के तहत आयोजित की गई. जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और महत्वपूर्ण सुरक्षा, रणनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
25 अगस्त को आयोजित इस मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने दोनों देशों के संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते पर विचार किया. यह मीटिंग खासतौर पर भारत-अमेरिका की प्रमुख रक्षा साझेदारी को लेकर एक नए 10-वर्षीय ढांचे के बारे में समझौते के साथ महत्वपूर्ण रही.
दोनों देशों के लिए सामूहिक साझेदारी को बढ़ावा
भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने आगामी 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई रणनीतियों पर विचार किया. एक बयान में कहा गया कि मीटिंग में व्यापार, निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, और असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने सहित कई साझा मुद्दों पर चर्चा की गई.
मंत्री स्तर पर दोनों देशों के बीच अब तक हुए समझौतों के परिणामस्वरूप, आगामी वर्षों में एकजुट होकर रक्षा उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परिचालन समन्वय, क्षेत्रीय सहयोग और सूचना-साझाकरण को बढ़ावा देने के अवसर मिलने की उम्मीद जताई गई है.
भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी का नया रूप
मीटिंग में भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के लिए नए 10-वर्षीय ढांचे पर हस्ताक्षर करने पर सहमति बनी. इसके तहत रक्षा उद्योग और सैन्य साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर कार्य किया जाएगा. जिससे दोनों देशों के लिए सैन्य सहयोग में गति आएगी. इस दौरान अधिकारियों ने विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासों को गति देने का निर्णय लिया. साथ ही इस साझेदारी के तहत दोनों देशों ने अन्य सुरक्षा मुद्दों पर एकजुट होकर काम करने की प्रतिबद्धता भी जताई खासतौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि बढ़ाने के लिए.
क्षेत्रीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान
दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षित मजबूत और समृद्ध माहौल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया. क्वाड के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक स्थिर और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों का योगदान महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मीटिंग का समापन इस आश्वासन के साथ हुआ कि दोनों देशों के अधिकारी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा और व्यापक बनाने के लिए लगातार प्रयास करेंगे, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हो सके.
अमेरिका-भारत व्यापार विवाद और टैरिफ नीति
यह बैठक ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25% पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा के कुछ दिन पहले आयोजित की गई. इस फैसले ने द्विपक्षीय व्यापार समझौतों और टैरिफ नीतियों में गतिरोध पैदा किया है. जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव आया है.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने व्यापार वार्ता, रूस से ऊर्जा खरीद और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के अमेरिकी दावों को द्विपक्षीय संबंधों के तीन मुख्य मुद्दों के रूप में पहचाना है. जिनपर आगे अभी और बातचीत की आवश्यकता है.


