9 नहीं 10 घंटे करने होंगे काम!... इस राज्य में लागू होगा ये नियम, कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार
महाराष्ट्र सरकार निजी संस्थानों में कर्मचारियों के कार्य घंटों को बढ़ाने की योजना बना रही है. प्रस्तावित बदलाव के तहत, कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे किए जाएंगे. इसके अलावा, ओवरटाइम के घंटे बढ़ाकर 144 किए जाएंगे, और कार्य घंटे की सीमा को हटाने का भी प्रस्ताव है. यह संशोधन उन संस्थाओं पर लागू होगा जहां 20 या अधिक कर्मचारी हैं.

Maharashtra Government Working Hours : महाराष्ट्र सरकार कर्मचारियों के अधिकतम कार्य घंटों को बढ़ाने पर विचार कर रही है. वर्तमान में जहां निजी संस्थानों में कर्मचारी एक दिन में 9 घंटे काम करते हैं, अब इसे 10 घंटे तक बढ़ाने की योजना है. यह बदलाव महाराष्ट्र Shops and Establishments (Regulation of Employment and Conditions of Service) Act, 2017 में किया जाएगा, जो राज्य भर के दुकानों, होटलों और मनोरंजन स्थलों जैसे स्थानों पर कर्मचारियों के कार्य घंटों को नियंत्रित करता है.
दरअसल, महाराष्ट्र श्रम विभाग ने राज्य कैबिनेट के सामने इस प्रस्ताव पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें कर्मचारियों के कार्य घंटों को 9 से 10 घंटे प्रतिदिन करने का सुझाव दिया गया है. विभाग के मुताबिक, यह बदलाव 2017 के अधिनियम के तहत किया जाएगा, और प्रस्तावित संशोधन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी वयस्क कर्मचारी एक दिन में 10 घंटे से अधिक काम नहीं करेगा.
ओवरटाइम के समय को 125 से बढ़ाकर 144 घंटे
कार्य घंटों की सीमा हटाने का प्रस्ताव
इस बदलाव के तहत, कर्मचारियों के कार्य घंटे को 10.5 घंटे (ओवरटाइम सहित) से बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा, यदि किसी आपातकालीन कार्य के लिए आवश्यकता पड़ी, तो एक दिन में 12 घंटे के कार्य घंटे की सीमा को भी हटा दिया जाएगा, जिससे कार्य घंटों की कोई सीमा नहीं रहेगी.
लागू होने की सीमा 10 से 20 कर्मचारियों तक
यह बदलाव केवल उन संस्थाओं पर लागू होगा, जहां 20 या अधिक कर्मचारी काम करते हैं. फिलहाल यह अधिनियम उन संस्थाओं पर लागू होता है, जहां 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत होते हैं.
कैबिनेट से मिली मंजूरी पर...
हालांकि श्रम विभाग ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की है, कैबिनेट ने इसे लेकर कुछ और स्पष्टता की मांग की है. प्रस्तावित संशोधन में कर्मचारियों के कार्य घंटे बढ़ाने की योजना पर अभी और विचार किया जाएगा, और संशोधन पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा. यह प्रस्ताव राज्य में श्रम कानूनों को संशोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, हालांकि इसे लेकर कर्मचारियों और श्रमिक संघों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं.


