Ola-Uber ड्राइवर, Zomato-Swiggy डिलिवरी वालों के लिए खुशखबरी, अब सभी होंगे पेंशन के हकदार
आपको बता दें कि गिग वर्कर्स में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश श्रमिक स्वतंत्र ठेका श्रमिक हैं। इनमें कई सेवाएं शामिल हैं जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले लोग, डिलीवरी सेवाएं, टैक्सी सेवाएं, ऑन-कॉल मरम्मत कार्य आदि। इन दिनों भारत में इस क्षेत्र के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जो लोग भोजन वितरित करते हैं या ओला और उबर जैसी टैक्सियाँ चलाते हैं उन्हें गिग वर्कर माना जाता है।

अब देश में ओला-उबर ड्राइवर, जोमैटो-स्विगी डिलीवरी बॉय, स्ट्रीट वेंडर और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है जो गिग वर्कर की श्रेणी में आते हैं। बजट 2025 में ई-श्रम पोर्टल पर एक करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण करने और आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ देने के बाद सरकार अब पेंशन योजना का लाभ भी देने जा रही है। अब असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी, अमेजन, फ्लिपकार्ट और ओला-उबर जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों में पार्ट टाइम काम करने वाले डिलीवरी बॉय की भी पेंशन कटेगी।
श्रम मंत्रालय पेंशन योजना शुरु करने के लिए मांगेगा मंजूरी
श्रम मंत्रालय पिछले एक साल से इस योजना पर काम कर रहा था। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय जल्द ही मोदी कैबिनेट के समक्ष एक नीति लाएगा, जिसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के माध्यम से गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को पेंशन लाभ प्रदान किया जाएगा। इस प्रावधान के तहत, कर्मचारी भविष्य निधि अब ओला, उबर के साथ-साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के कर्मचारियों की आय से प्रत्येक लेनदेन पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में सामाजिक सुरक्षा योगदान काट लेगी। इसके लिए श्रम मंत्रालय जल्द ही इस पेंशन योजना को शुरू करने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मांगेगा।
सरकार करेगी यूपीआई-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड जारी
बता दें कि कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने एक करोड़ गिग वर्कर्स के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना जैसी योजना को नया रूप देते हुए सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत ई-श्रम पोर्टल में शामिल किया था। मोदी सरकार अब गिग वर्कर्स के लिए 30,000 रुपये का यूपीआई-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड भी जारी करेगी। पिछले वर्ष ही श्रम मंत्रालय ने एक मसौदा तैयार कर वित्तीय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा था। गिग एवं प्लेटफॉर्म लेबर एक्ट के लागू होने के बाद इन श्रमिकों को विभिन्न लाभ मिलने लगेंगे। उदाहरण के लिए, उनके काम के बदले उन्हें सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी, उनके परिवारों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। कार्य के घंटे निर्धारित किये जायेंगे।


