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‘गवर्न-इवेंट’ बन गई जीएसटी नीति, जयराम रमेश का केंद्र और बीजेपी पर तीखा हमला

Jairam Ramesh on GST 2.0: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार के ‘जीएसटी बचत उत्सव’ को राजनीतिक शो बताते हुए सुधारों को अधूरा और असल में कांग्रेस की पहल बताया. उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी रोकने के प्रावधान कमजोर हैं और टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचना सुनिश्चित नहीं है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Jairam Ramesh on GST 2.0: कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जीएसटी सुधारों को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को सरकार के ‘जीएसटी बचत उत्सव’ पर सवाल उठाते हुए इसे केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम बताया और कहा कि वास्तविक सुधार अभी भी अधूरे हैं. रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार हर नीति को बड़े इवेंट की तरह पेश करती है, जबकि असली मुद्दों पर ध्यान नहीं देती.

जयराम रमेश ने सरकार को घेरा

जयराम रमेश ने कांग्रेस की जीएसटी पहल को भी याद दिलाया. उन्होंने कहा कि 2006 से 2014 तक केवल एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया था, वही बाद में प्रधानमंत्री बने. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने 2017 में जीएसटी लागू कर इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया, लेकिन असल में यह कांग्रेस की ही पहल थी. रमेश ने बताया कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ भी कहा था, क्योंकि यह न तो सरल था और न ही उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह लाभकारी.

कांग्रेस नेता ने जीएसटी सुधारों की अधूरी प्रकृति और मुनाफाखोरी के खतरे को भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि मुनाफाखोरी रोकने के लिए पहले बनाई गई नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को खत्म कर दिया गया. अब सरकार कह रही है कि टैक्स कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे, लेकिन इसकी कोई कानूनी गारंटी नहीं है. उन्होंने इन सुधारों को ‘जीएसटी 2.0 नहीं, बल्कि जीएसटी 1.5’ करार दिया.

जीएसटी और नोटबंदी पर जयराम 

रमेश ने ‘जीएसटी बचत उत्सव’ को केवल राजनीतिक शो बताया. उन्होंने कहा कि यह गवर्नेंस नहीं, गवर्न-इवेंट है. सरकार हर चीज को इवेंट बना देती है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाती है. उनका यह भी कहना था कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को दो बड़े झटके दिए हैं, जिनका असर अभी तक महसूस किया जा रहा है.

उन्होंने कांग्रेस की भूमिका का श्रेय भी याद दिलाया. जयराम रमेश के अनुसार, जीएसटी का प्रस्ताव पहली बार 2006 में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पेश किया था, 2010 में इसे संसद में लाया गया और लंबे प्रयासों के बाद 2017 में लागू किया गया.

आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बड़ा कदम  

वहीं, केंद्र सरकार ने इन सुधारों को ऐतिहासिक करार दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 390 से अधिक उत्पादों पर टैक्स कटौती मोदी सरकार का ‘नवरात्रि तोहफा’ है.

कुल मिलाकर, जयराम रमेश का कहना है कि जीएसटी सुधार अधूरे हैं और केवल राजनीतिक इवेंट में बदल दिए गए हैं, जबकि केंद्र सरकार इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.

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22 September 2025, 05:44 PM IST

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