HAL को अमेरिका से मिला तीसरा जीई-404 इंजन, सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मिल सकती है तेजस MK1A की पहली डिलीवरी
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से GE F404-IN20 इंजन की तीसरी खेप मिली, जिससे HAL Tejas Mk1A कार्यक्रम को गति मिलेगी. चालू वित्त वर्ष में 12 इंजन मिलने की उम्मीद है. 2021 में 99 इंजनों का 716 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. HAL 2026-27 तक हर साल 30 विमान बनाने का लक्ष्य रखता है.

एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से GE F404-IN20 इंजन की तीसरी खेप प्राप्त हो गई है, जो HAL Tejas Mk1A लड़ाकू विमान कार्यक्रम की प्रगति में एक अहम मील का पत्थर मानी जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि सितंबर 2025 के अंत तक एक और इंजन मिलने की उम्मीद है. यह उपलब्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों को नई ऊर्जा देगी.
जल्द डिलीवरी में मिलेगी मदद
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, GE-404 इंजनों की नियमित आपूर्ति, HAL को LCA Mk1A विमानों की तय समयसीमा के भीतर डिलीवरी सुनिश्चित करने में मदद करेगी. तेजस विमान के इस उन्नत संस्करण को भारतीय वायुसेना की शक्ति में वृद्धि और विदेशी निर्भरता कम करने के लिए एक रणनीतिक परियोजना माना जाता है. इंजन आपूर्ति में सुधार से HAL को उत्पादन योजना पर बने रहने और डिलीवरी शेड्यूल पूरा करने का भरोसा मिला है.
चालू वित्त वर्ष में 12 इंजन मिलने की उम्मीद
रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि HAL को चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 GE-404 इंजन मिलने की उम्मीद है. भारतीय वायुसेना पहले ही 83 LCA Mk1A विमानों का ऑर्डर दे चुकी है, जबकि 97 अतिरिक्त विमानों की खरीद का प्रस्ताव भी स्वीकृति के अंतिम चरण में है. इससे आने वाले वर्षों में HAL के उत्पादन दबाव को और बढ़ावा मिलेगा.
716 मिलियन डॉलर के सौदे में आई थी देरी
भारत ने 2021 में जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 99 GE F404-IN20 इंजनों की आपूर्ति के लिए 716 मिलियन डॉलर का समझौता किया था. हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं, विशेषकर एक दक्षिण कोरियाई कंपोनेंट आपूर्तिकर्ता की देरी के चलते डिलीवरी कार्यक्रम प्रभावित हुआ. पहले यह डिलीवरी 2023 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब संशोधित समयसीमा मार्च 2025 तय की गई है.
भारतीय वायुसेना का लक्ष्य 352 तेजस विमान
भारतीय वायुसेना दीर्घकाल में कुल 352 तेजस लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है, जिनमें Mk1A और आने वाले Mk2 संस्करण शामिल होंगे. HAL ने कहा है कि पहले आई बाधाओं के बावजूद कंपनी चालू वित्त वर्ष में तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही राह पर है.
2026-27 तक हर साल 30 विमान बनाने का लक्ष्य
HAL ने स्पष्ट किया है कि अगले वित्तीय वर्ष में इंजन आपूर्ति स्थिर हो जाएगी और कंपनी 2026-27 तक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से प्रति वर्ष 30 विमान बनाने की क्षमता हासिल कर लेगी. इस उत्पादन क्षमता से न केवल भारतीय वायुसेना की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि भारत रक्षा निर्यातक देश के रूप में अपनी स्थिति भी मजबूत कर सकेगा.


