10, 20, 50, 100, 200 और.... 500 रुपये के नोटों पर क्या आपने गांधीजी के अलावा ये ऐतिहासिक धरोहरें देखी हैं?'
हम रोजमर्रा में नोटों का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया कि हर नोट पर गांधीजी के अलावा भी कुछ खास दिखता है? जी हां! भारतीय नोटों पर देश की ऐतिहासिक धरोहरों की झलक छपी होती है, जो हमारी संस्कृति और विरासत से जुड़ी हैं. 10, 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोटों के पीछे कौन-कौन सी ऐतिहासिक जगहें छपी हैं? और आखिर नोटों पर गांधीजी की तस्वीर पहली बार कब आई? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

Indian Currency Notes: आजकल ऑनलाइन पेमेंट का जमाना है, लेकिन नकद का महत्व अब भी बना हुआ है. हम रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नोटों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि इन नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर के अलावा भी कुछ खास छपा होता है? जी हां, भारतीय नोटों पर ऐतिहासिक धरोहरों की झलक भी देखने को मिलती है. आइए जानते हैं, किस नोट पर कौन सी ऐतिहासिक विरासत मौजूद है.
हर नोट पर गांधी जी, लेकिन पीछे कुछ खास
भारत में इस समय 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये के नोट चलन में हैं. सभी नोटों के आगे की तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर होती है, लेकिन क्या आपने पीछे की तरफ छपे स्मारकों को देखा है? हर नोट पर एक ऐतिहासिक धरोहर की छवि होती है, जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाती है.
10 रुपये का नोट – कोणार्क का सूर्य मंदिर
10 रुपये के नोट के पीछे ओडिशा के पुरी जिले में स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर दिखता है. 13वीं सदी में बनाए गए इस मंदिर को राजा नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था. 1984 में इसे UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली थी.

20 रुपये का नोट – एलोरा की गुफाएं
20 रुपये के नोट पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित एलोरा की गुफाओं की तस्वीर है. यह गुफाएं भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में हैं और UNESCO द्वारा भी इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है.

50 रुपये का नोट – हम्पी का पत्थर-निर्मित रथ
50 रुपये के नोट के पीछे हम्पी का प्रसिद्ध पत्थर का रथ नजर आता है. यह कर्नाटक के हम्पी में विठ्ठल मंदिर परिसर में स्थित है और गरुड़ को समर्पित है. इसे भी UNESCO विश्व धरोहर का दर्जा मिल चुका है.

100 रुपये का नोट – रानी की वाव
100 रुपये के नोट पर गुजरात के पाटन गांव में स्थित रानी की वाव की तस्वीर छपी है. यह बावड़ी सोलंकी साम्राज्य के दौरान बनाई गई थी और इसमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दर्शाने वाली 800 से अधिक मूर्तियां उकेरी गई हैं. इसे भी UNESCO विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है.

200 रुपये का नोट – सांची का स्तूप
200 रुपये के नोट पर मध्य प्रदेश के सांची स्थित प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप की छवि है. सम्राट अशोक द्वारा निर्मित यह स्तूप भारत की प्राचीन विरासत का अद्भुत उदाहरण है और इसे भी UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है.

500 रुपये का नोट – लाल किला
500 रुपये के नोट पर दिल्ली स्थित ऐतिहासिक लाल किले की तस्वीर है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर साल प्रधानमंत्री यहीं से राष्ट्र को संबोधित करते हैं. यह किला भारत के गौरवशाली इतिहास की पहचान है.

गांधीजी से पहले कौन था भारतीय नोटों पर?
आज भारतीय नोटों पर गांधीजी की तस्वीर छपती है, लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था. आज़ादी से पहले ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय नोटों पर ब्रिटेन के महाराजा की तस्वीर छपा करती थी. आज़ादी के बाद नोटों पर अशोक स्तंभ की छवि छपने लगी, और फिर धीरे-धीरे महात्मा गांधी की तस्वीर को प्रमुख स्थान दिया गया.
नोट सिर्फ करेंसी नहीं, भारतीय संस्कृति की पहचान
भारतीय मुद्रा केवल लेन-देन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत का भी प्रतीक है. अब जब भी आप नोटों का इस्तेमाल करें, तो उन पर छपी इन ऐतिहासिक धरोहरों को जरूर गौर से देखें.


