पहलगाम आतंकी हमला: जब छुट्टियों का सफर त्रासदी में बदल गया
पहलगाम आतंकी हमले में 35 साल के भारत भूषण ने अपनी जान गवां दी. उनके आतंकियों से अपने बच्चे की दलील देते हुए जान की भीख मांगी, लेकिन पत्थर आतंकियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने भारत भूषण को गोली मारकर हत्या कर दी.

35 वर्षीय भारत भूषण अपने जीवन की नहीं, बल्कि अपने मासूम बेटे की ज़िंदगी की भीख मांग रहे थे. मगर, आतंक की आग में जल रहे पहलगाम में उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया. स्वचालित हथियार से लैस आतंकी ने उन्हें सिर में गोली मार दी. वह मंगलवार के उस भयावह हमले में मारे गए निर्दोष लोगों में से एक थे.
डॉ. सुजाता भूषण ने बयां किया दर्द
भारत भूषण की पत्नी, डॉ. सुजाता भूषण इस हमले की चश्मदीद गवाह भी हैं. उन्होेंने बताया कि वे अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर थे और पहलगाम उनका अंतिम पड़ाव था. 18 अप्रैल को वे बैसरन घाटी गए थे, जहां वे टट्टू की सवारी कर रहे थे. पारंपरिक कश्मीरी पोशाकों में फोटो खिंचवा रहे थे और अपने तीन साल के बेटे के साथ खेल रहे थे. तभी अचानक गोलियों की आवाज़ ने उस शांत वातावरण को दहशत में बदल दिया.
दोपहर करीब 2:30 बजे, हरे-भरे मैदान पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. डर से लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन मैदान इतना खुला था कि भागने की कोई सुरक्षित दिशा नहीं थी. भूषण परिवार भी एक टेंट के पीछे छिप गया.
डॉ. सुजाता ने बताया कि हमने देखा कि आतंकी लोगों को घसीटकर बाहर ला रहे थे. सवाल पूछ रहे थे और फिर गोली मार रहे थे. मेरे पति ने उनसे सिर्फ इतना कहा कि मेरा छोटा बच्चा है, मुझे छोड़ दो, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं सुना और गोली मार दी.
हमला एक मानवीय त्रासदी
हमला न केवल मानवीय त्रासदी था, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में पिछले छह वर्षों में सबसे बड़ा आतंकी हमला बन गया, जिससे पूरा देश स्तब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया और कहा कि भारत इस कृत्य के पीछे जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाकर रहेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चेताया कि ना सिर्फ हमलावरों, बल्कि उन्हें समर्थन देने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हमले की योजना, समय और तरीके से स्पष्ट है कि इसमें बाहरी खुफिया एजेंसियों की भूमिका हो सकती है. भारत ने अब इस हमले के जवाब में कई कड़े कदम उठाए हैं और आगे की रणनीति पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है.


