नेशनल हेराल्ड केस में ED ने कोर्ट में पेश किए दो दस्तावेज, बढ़ सकती हैं राहुल-सोनिया की मुश्किलें
राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई सोमवार को हुई. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दो महत्वपूर्ण दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए.

National Herald case: दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई सोमवार को हुई. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो महत्वपूर्ण दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इन दस्तावेजों की प्रतियां कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित सभी प्रस्तावित आरोपितों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है.
ईडी की ओर से पेश किए गए दस्तावेज
ईडी का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत में दो दस्तावेज प्रस्तुत किए. एक साल 2014 में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दर्ज शिकायत और दूसरा 30 जून 2021 का रिकॉर्ड. दोनों को अदालत ने आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल कर लिया. यह कदम उस समय उठाया गया है जब 7 अगस्त को अदालत ने गांधी परिवार की भूमिका पर जांच अधिकारी से सीधे सवाल किए थे और पहले दस्तावेजों की स्पष्टता भी मांगी थी.
ईडी की दलील
ईडी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के कई दानदाताओं को गुमराह किया गया और कुछ को तो बदले में चुनावी टिकट का वादा भी किया गया. एजेंसी ने गांधी परिवार के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि उनका एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) पर कोई नियंत्रण नहीं था. ईडी का कहना है कि एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अख़बार का मूल प्रकाशक था और गांधी परिवार का इस पर प्रत्यक्ष प्रभाव रहा है.
बचाव पक्ष की दलीलें
राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. चीमा ने कहा कि कांग्रेस का एजेएल को बेचने का कोई इरादा नहीं था. बल्कि पार्टी का उद्देश्य इसे स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर के रूप में संरक्षित करना था. उन्होंने सवाल उठाया कि ईडी ने क्यों एजेएल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन को नज़रअंदाज़ किया, जिसमें इसकी नीतियां कांग्रेस से जुड़ी हुई बताई गई हैं.
वहीं, सोनिया गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की कार्रवाई को अप्रत्याशित बताते हुए कहा कि यंग इंडियन कंपनी का उद्देश्य केवल एजेएल के बकाया कर्ज को वैधानिक तरीके से समाप्त करना था. उनके अनुसार, यह मामला वर्षों बाद एक व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर दोबारा खोला गया है.
मामला कहां पहुंचा?
इससे पहले अप्रैल 2025 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की धारा 44 और 45 के तहत अभियोगात्मक शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत सात प्रमुख आरोपितों को नोटिस जारी किए गए.
अब 16 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत ईडी और बचाव पक्ष की दलीलों पर आगे विचार करेगी. यह केस एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति और कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है.


