Independence Day 2025: नेहरू से मोदी तक...कितनी बार भारतीय प्रधानमंत्रियों ने लाल किले से भाषण दिया?
भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपना लगातार 12वां भाषण दे रहे हैं. यह संबोधन 'नए भारत' और 2047 तक विकसित भारत की झलक देगा. मोदी के भाषणों में हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मुद्दे केंद्र में रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपना लगातार 12वां स्वतंत्रता दिवस भाषण दे रहे हैं. यह अवसर उस समय आया है जब कुछ ही महीने पहले भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था. मोदी ने हाल ही में लगातार कार्यकाल की अवधि में इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. उनके इस भाषण के साथ वे लाल किले से लगातार भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में केवल जवाहरलाल नेहरू से पीछे होंगे, जिन्होंने 17 बार यह अवसर प्राप्त किया था.
इंदिरा गांधी का योगदान
इंदिरा गांधी ने जनवरी 1966 से मार्च 1977 और फिर जनवरी 1980 से अपनी हत्या तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर 16 बार भाषण दिया. उनके संबोधन हमेशा राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित होते थे. इसी तरह, प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों में भी समसामयिक मुद्दों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विशेष जोर रहता है.
पिछले भाषणों की खास बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधनों में कई अहम नीतिगत घोषणाएं की हैं. 2024 में उन्होंने 98 मिनट लंबे भाषण में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का समर्थन किया था और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी एक साथ चुनाव कराने की भी वकालत की थी. उनके भाषणों में आतंकवाद, नक्सलवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कठोर रुख प्रमुख रहा है. साथ ही, महिलाओं के सशक्तिकरण, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर भी वे लगातार ज़ोर देते रहे हैं.
लाल किले से प्रधानमंत्रियों के भाषणों का इतिहास
भारत की स्वतंत्रता के बाद से अब तक हर प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया है.
जवाहरलाल नेहरू (1947-1963): कुल 17 भाषण
लाल बहादुर शास्त्री (1964-1965): 2 भाषण
इंदिरा गांधी (1966-1976, 1980-1984): 16 भाषण
मोरारजी देसाई (1977-1978): 2 भाषण
चौधरी चरण सिंह (1979): 1 भाषण
राजीव गांधी (1985-1989): 5 भाषण
वी.पी. सिंह (1990): 1 भाषण
पी.वी. नरसिम्हा राव (1991-1995): 4 भाषण
एच.डी. देवेगौड़ा (1996): 1 भाषण
इंद्र कुमार गुजराल (1997): 1 भाषण
अटल बिहारी वाजपेयी (1998-2004): 6 भाषण
मनमोहन सिंह (2004-2014): 10 भाषण
नरेंद्र मोदी (2014 से अब तक): अब तक 11 भाषण, और इस वर्ष 12वां भाषण.
मोदी का खास अंदाज
प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों को भावनात्मक अपील, ऐतिहासिक संदर्भ और भविष्य की योजनाओं के मिश्रण के रूप में प्रस्तुत करते हैं. वे हमेशा युवाओं, किसानों, सैनिकों और महिलाओं को सीधे संबोधित करते हैं. उनके भाषण केवल नीतिगत घोषणाएँ ही नहीं, बल्कि देश के सामूहिक सपनों को दिशा देने का प्रयास भी होते हैं.
इस बार की उम्मीदें
विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी के इस 12वें भाषण में "नए भारत" की झलक और 2047 तक विकसित भारत के रोडमैप का स्पष्ट उल्लेख होगा. साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका भी केंद्र में रह सकती है.


