संसद सत्र से पहले INDIA ब्लॉक की बड़ी बैठक, विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरने की बनाई योजना
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है.उससे पहले विपक्षी गठबंधन INDIA ने मोदी सरकार को घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. शनिवार को हुई गठबंधन की बैठक में जहां 24 दलों ने हिस्सा लिया. विपक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को लेकर नाराजगी जताई.

INDIA Block Meeting: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले INDIA गठबंधन ने सत्तारूढ़ मोदी सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है. शनिवार को गठबंधन की अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें देशभर के विपक्षी दलों के कई वरिष्ठ नेताओं ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया. मौजूदा समय में इस गठबंधन में कुल 24 राजनीतिक दल शामिल हैं.
बैठक में जहां मोदी सरकार के खिलाफ आठ बड़े मुद्दों पर विपक्ष ने मोर्चा खोलने की रणनीति बनाई, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को लेकर वामपंथी दलों ने नाराज़गी जताई. सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने केरल में सीपीएम और आरएसएस की तुलना कर दी थी. इसी के साथ, SIR (Special Electoral Revision) को लेकर भी विपक्ष सड़कों पर उतरने की तैयारी में है.
'देश बचाओ, बीजेपी हटाओ' के नारे के साथ शुरू हुई बैठक
INDIA ब्लॉक की बैठक का आयोजन 'देश बचाओ, बीजेपी हटाओ' नारे के साथ हुआ. बैठक के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की रही. विपक्षी नेताओं ने इस हमले को खुफिया तंत्र की विफलता बताया और सरकार पर इस गंभीर सुरक्षा चूक को लेकर सवाल उठाए.
राहुल गांधी के बयान पर लेफ्ट की तीखी प्रतिक्रिया
सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने केरल में वामपंथियों की तुलना आरएसएस से कर दी थी. हालांकि डी राजा ने अपने बयान में राहुल का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था. इस मुद्दे ने INDIA गठबंधन के भीतर वैचारिक दरार की ओर संकेत कर दिया है.
जंतर-मंतर पर SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानसून सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहना चाहिए और विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए." उन्होंने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे SIR (Special Electoral Revision) की आलोचना करते हुए इसे 'अघोषित आपातकाल' करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे लोगों का मताधिकार खतरे में पड़ गया है और इसके खिलाफ जंतर-मंतर पर बड़े प्रदर्शन की योजना बनाई गई है.
8 अहम मुद्दों पर बनी रणनीति
बैठक में मोदी सरकार को घेरने के लिए जिन आठ प्रमुख मुद्दों को चुना गया, वे इस प्रकार हैं:
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पहलगाम आतंकी हमला और खुफिया तंत्र की विफलता
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ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सुरक्षा चिंताएं
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सीज़फायर और उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया (ट्रंप का बयान)
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भारत की विदेश नीति – अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध
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डिलिमिटेशन (सीमा पुनर्निर्धारण) से जुड़ी आशंकाएं
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पिछड़े वर्गों और दलितों पर अत्याचार की घटनाएं
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अहमदाबाद विमान हादसा और उससे जुड़ी लापरवाही
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सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग और विपक्षियों को निशाना बनाना
बैठक में शामिल हुए प्रमुख नेता
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, झामुमो नेता हेमंत सोरेन, डीएमके के तिरुचि शिवा, राजद के तेजस्वी यादव, सीपीआई के डी राजा, आईयूएमएल के पीके कुन्हालीकुट्टी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और संजय राऊत, नेकां के उमर अब्दुल्ला सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए.
हालांकि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में हलचल जरूर मचाई.
संसद सत्र में लाए जाएंगे ये 8 नए विधेयक
मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र में 8 महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है:
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आयकर विधेयक, 2025 – पुराने 1961 कानून को सरल बनाने की पहल.
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कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 – कर सुधारों के लिए बदलाव.
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जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 – व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने हेतु.
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मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक, 2025 – जीएसटी सुधार के तहत.
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IIM संशोधन विधेयक, 2025 – प्रबंधन संस्थानों की स्वायत्तता को मान्यता.
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भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष विधेयक, 2025 – खनिज संपदाओं की सुरक्षा.
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खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 – खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और निवेश को बढ़ावा.
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राष्ट्रीय खेल प्रशासन और डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 – खिलाड़ियों के कल्याण और खेल प्रशासन सुधार के लिए.


