विदेशी राजदूतों के सामने भारत ने रखे सबूत, पाकिस्तान को किया बेनकाब
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए गुरुवार को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, रूस, जर्मनी और फ्रांस समेत कई देशों के वरिष्ठ राजनयिकों को साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय में आमंत्रित किया.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कूटनीतिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक समेत कुल 26 लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई पर्यटक गंभीर रूप से घायल हुए थे. लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध संगठन "द रेजिस्टेंस फ्रंट" (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
आधे घंटे तक चली मीटिंग
हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को उजागर करने की रणनीति अपनाई है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, जापान, चीन, जर्मनी, फ्रांस, कतर और इटली सहित कई देशों के शीर्ष राजनयिकों को साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में बुलाकर हमले से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की. इस ब्रीफिंग में जी-20 सदस्य देशों के राजदूतों को भी शामिल किया गया और उन्हें पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के सबूतों से अवगत कराया गया. यह मीटिंग लगभग आधे घंटे तक चली.
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर रणनीतिक निर्णय
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक आपात बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर रणनीतिक निर्णय लिए गए. भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती, सिंधु जल संधि की समीक्षा और अटारी सीमा चौकी को बंद करने जैसे कड़े कदमों पर भी विचार किया है.
गुरुवार को भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि 27 अप्रैल से सभी पाकिस्तानी नागरिकों के मौजूदा वीजा रद्द कर दिए जाएंगे, जबकि मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे. भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ दें.


