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पाकिस्तान का झूठ बेनकाब... UN में भारत ने सिंधु जल संधि और आतंकवाद पर दिया करारा जवाब

भारत ने सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवाद ही संधि के पालन में सबसे बड़ी बाधा है. किर्तीवर्धन सिंह ने स्पष्ट किया कि बदले हालात में संधि की शर्तों पर दोबारा विचार जरूरी हो गया है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा सिंधु जल संधि को लेकर भारत पर वैश्विक मंच से आरोप लगाने के एक दिन बाद, भारत ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी. इन आरोपों को 'अवांछित' बताते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगाने के बजाय, आतंकवाद को रोकना चाहिए, जो इस समझौते के पालन में सबसे बड़ी बाधा है.

ताजिकिस्तान में ग्लेशियर संरक्षण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद खुद इस संधि का उल्लंघन आतंकवाद के जरिए कर रहा है.

'दोष मढ़ने से पहले आतंकवाद बंद करें''- किर्तीवर्धन सिंह

भारत के केंद्रीय मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान द्वारा इस मंच का दुरुपयोग कर ऐसे मुद्दों को उठाने के प्रयास से स्तब्ध हैं, जिनका यहां कोई स्थान नहीं है. हम ऐसे प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि संधि की भावना सौहार्द और मित्रता पर आधारित थी, लेकिन पाकिस्तान की नीतियां उस भावना के विरुद्ध हैं.

सिंधु जल संधि का निलंबन क्यों हुआ?

भारत द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला कोई एकाकी कदम नहीं था, बल्कि ये उस समय की गई एक श्रृंखलाबद्ध सख्त कार्रवाई का हिस्सा था, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान-आधारित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी. भारत लगातार पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे एक ‘प्रॉक्सी वॉर’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है.

शहबाज शरीफ का बयान

अंतरराष्ट्रीय ग्लेशियर संरक्षण सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर आरोप लगाया कि सिंधु जल संधि को निलंबित करना जल का हथियारकरण है. भारत का ये एकतरफा और गैरकानूनी निर्णय अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि करोड़ों लोगों की जिंदगियों को राजनीतिक फायदे के लिए बंधक नहीं बनाया जा सकता और पाकिस्तान ऐसा कभी नहीं होने देगा. हम कभी भी 'रेड लाइन' पार नहीं होने देंगे.

'अब परिस्थितियां अब बदल चुकी हैं'- किर्तीवर्धन सिंह

केंद्रीय मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने पाकिस्तान के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि जब सिंधु जल संधि पर साइन हुए थे तब और आज के हालत में बहुत बड़ा फर्क आ गया है. उन्होंने बताया कि इन सालों में तकनीकी प्रगति, जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और सीमा पार आतंकवाद जैसे कई बदलाव आए हैं, जो इस संधि की शर्तों की पुनर्समीक्षा को आवश्यक बनाते हैं.

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01 June 2025, 08:59 AM IST

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