यूरोप पर भड़के पुतिन: नेताओं को बताया 'पिग्लेट्स', यूक्रेन से और क्षेत्र छीनने की दी चेतावनी
रूस इस समय यूक्रेन के लगभग 19 प्रतिशत क्षेत्र पर कब्जा जमाए हुए है. इसमें 2014 में अवैध रूप से हड़पा गया क्रीमिया, डोनबास क्षेत्र का बड़ा हिस्सा, खेरसॉन और जापोरिज्जिया प्रांतों के बड़े इलाके, और कुछ अन्य क्षेत्रों के छोटे-छोटे टुकड़े शामिल हैं. यह कब्जा धीरे-धीरे कई सालों में हुआ है, और आज यह यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल का करीब पांचवां हिस्सा बन चुका है.

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी सामने आई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें पिग्लेट्स कहकर संबोधित किया और चेतावनी दी कि यदि कीव और उसके पश्चिमी समर्थक अमेरिका समर्थित शांति प्रस्तावों पर गंभीरता से बातचीत नहीं करते, तो रूस बल प्रयोग के जरिये यूक्रेन के और इलाकों पर कब्जा करेगा.
रूस के रक्षा मंत्रालय की वार्षिक बैठक में बोलते हुए पुतिन ने दावा किया कि रूसी सेना सभी मोर्चों पर आगे बढ़ रही है और मॉस्को अपने कथित ऐतिहासिक क्षेत्रों की मुक्ति कूटनीति या सैन्य कार्रवाई किसी भी माध्यम से हासिल करेगा. हालांकि, अमेरिका की अगुवाई में युद्ध समाप्त कराने के प्रयास फिलहाल ठप पड़े हुए हैं.
पुतिन की चेतावनी
मीटिंग में पुतिन ने साफ शब्दों में कहा कि यदि विरोधी पक्ष और उनके विदेशी संरक्षक सार्थक बातचीत में शामिल होने से इनकार करते हैं, तो रूस सैन्य साधनों के माध्यम से अपनी ऐतिहासिक भूमि को मुक्त करा लेगा. उनके अनुसार, पश्चिमी दबाव के बावजूद रूस अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटेगा.
अमेरिका की मध्यस्थता
संयुक्त राज्य अमेरिका रूस, यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं के साथ अलग-अलग स्तर पर बातचीत कर चुका है, लेकिन युद्ध के चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुके इस संघर्ष को लेकर कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है. कीव और उसके यूरोपीय सहयोगी किसी भी ऐसे समझौते को लेकर चिंतित हैं जिसमें यूक्रेनी क्षेत्र छोड़ने की शर्त हो, जबकि यूक्रेन ठोस सुरक्षा गारंटियों पर अड़ा हुआ है.
यूक्रेन के बड़े हिस्से पर रूस का दावा
खबरों के अनुसार, रूस इस समय यूक्रेन के लगभग 19 प्रतिशत भूभाग को नियंत्रित करता है. इसमें 2014 में कब्जा किया गया क्रीमिया, डोनबास का अधिकांश इलाका, खेरसॉन और जापोरिज़्झिया के बड़े हिस्से और अन्य क्षेत्रों के कुछ हिस्से शामिल हैं. मॉस्को इन इलाकों को रूस का हिस्सा बताता है, जिसे यूक्रेन सिरे से खारिज करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश देशों ने भी इसे मान्यता नहीं दी है.
2026 में और तेज होगा रूसी सैन्य अभियान
रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने बताया कि रूस 2026 में अपने सैन्य अभियान की रफ्तार और बढ़ाने की योजना बना रहा है. उनके भाषण के दौरान पेश की गई एक स्लाइड में दिखाया गया कि रूस 2025 में अपने सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत युद्ध पर खर्च कर रहा है, जो सैन्य प्रयासों के पैमाने को दर्शाता है.
यूरोप पर पुतिन का तीखा प्रहार
पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर डर का माहौल बना रहे हैं. उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन पर रूस को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया और दावा किया कि यूरोपीय नेता भी उसी राह पर हैं. हालांकि पश्चिमी देशों ने इन आरोपों से इनकार किया है.
यूरोपीय नेताओं को निशाने पर लेते हुए पुतिन ने उन्हें पिग्लेट्स कहा और आरोप लगाया कि वे यह कहकर उन्माद फैला रहे हैं कि रूस भविष्य में किसी नाटो देश पर हमला कर सकता है. इस पर पुतिन ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है यह झूठ है, बकवास है, यूरोपीय देशों के लिए रूस के किसी काल्पनिक खतरे के बारे में सरासर बकवास है. लेकिन यह जानबूझकर किया जा रहा है.
नाटो को लेकर रूस की आपत्ति
रक्षा मंत्री बेलोउसॉव ने भी यूरोपीय शक्तियों पर शांति प्रयासों को पटरी से उतारने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कुछ यूरोपीय देश खुले तौर पर आने वाले वर्षों में रूस और नाटो के बीच संभावित युद्ध की बात कर रहे हैं. बेलोउसॉव के अनुसार ऐसी नीति अगले वर्ष, 2026 में सैन्य अभियानों के जारी रहने के लिए वास्तविक परिस्थितियां उत्पन्न करती है.
जेंलेंस्की की अपील
मॉस्को के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बुधवार को सहयोगी देशों से अपील की कि वे यह स्पष्ट करें कि रूस का युद्ध प्रयास अंततः असफल होगा. अपने शाम के संबोधन में, एक अहम यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन से पहले ज़ेलेंस्की ने कहा कि इन बैठकों का परिणाम - यूरोप के लिए परिणाम ऐसा होना चाहिए कि रूस को लगे कि अगले साल लड़ाई जारी रखने की उसकी इच्छा व्यर्थ होगी, क्योंकि यूक्रेन को समर्थन मिलेगा.
जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ में जमी लगभग 250 अरब डॉलर की रूसी संप्रभु संपत्तियों के उपयोग की मांग दोहराई. इनमें से अधिकांश बेल्जियम की यूरोक्लियर में रखी हैं. हालांकि ईयू सरकारें इन संपत्तियों को अनिश्चितकाल तक फ्रीज़ रखने पर सहमत हैं, लेकिन कुछ सदस्य देश कानूनी जोखिमों को लेकर चिंतित हैं.
रूस पर और प्रतिबंधों की तैयारी
मीडिया के मुताबिक, यदि मॉस्को शांति समझौते को ठुकराता है तो अमेरिका रूस के ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाने वाले नए प्रतिबंध विकल्पों पर विचार कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, संभावित कदमों में रूस के तथाकथित शैडो फ्लीट से जुड़े तेल टैंकरों और रूसी तेल निर्यात में मदद करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई शामिल हो सकती है.


