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 वर्क फ्रॉम होम से लेकर ट्रकों पर रोक तक: दिल्ली सरकार ने आज से क्या-क्या बदला?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ती हवा की क्वालिटी को देखते हुए, सरकार ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए आज से सख्त पाबंदियां लागू कर दी हैं. ये फैसले इस हफ्ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के 'गंभीर' कैटेगरी में पहुंचने के बाद लिए गए.

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए सरकार ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए आज से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इस सप्ताह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद ये फैसले लिए गए हैं. सरकार के नए कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा लागू किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के उपायों को और सख्त बनाते हैं.

सरकार का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कार्यालयों, वाहनों और ईंधन आपूर्ति से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है, ताकि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों पर सीधा नियंत्रण किया जा सके.

कार्यालयों के लिए हाइब्रिड वर्क-फ्रॉम-होम


दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए हाइब्रिड वर्क मॉडल अनिवार्य कर दिया है. आदेश के अनुसार, किसी भी निजी कार्यालय में 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी एक साथ कार्यालय नहीं आएंगे. शेष कर्मचारियों को घर से काम करना होगा.हालांकि, इस नियम में आपातकालीन सेवाओं, अस्पतालों, अग्निशमन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े विभागों, परिवहन और स्वच्छता सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को छूट दी गई है. दिहाड़ी मजदूरों को भी इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है

वाहनों के प्रवेश पर सख्त रोक

प्रदूषण नियंत्रण के तहत GRAP-4 लागू होने की स्थिति में दिल्ली के बाहर पंजीकृत और बीएस-6 मानक से नीचे के वाहनों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें पेट्रोल पंपों और शहर की सीमाओं पर तैनात रहेंगी, ताकि नियमों का सख्ती से पालन हो सके. सुप्रीम कोर्ट ने भी बीएस-3 और उससे नीचे के वाहनों को पहले मिली राहत को समाप्त कर दिया है, जिससे ऐसे वाहन अब दंडात्मक कार्रवाई के दायरे में आएंगे.

पीयूसी प्रमाणपत्र हुआ अनिवार्य

आज से पेट्रोल पंपों पर बिना वैध पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) प्रमाणपत्र के किसी भी वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा. पीयूसी प्रमाणपत्र अधिकृत केंद्रों पर साधारण उत्सर्जन जांच के बाद जारी किया जाता है.
दो और तिपहिया वाहनों के लिए पीयूसी शुल्क 60 रुपये, पेट्रोल चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये और डीजल वाहनों के लिए 100 रुपये तय किया गया है. भारत स्टेज-IV और स्टेज-VI मानकों वाले वाहनों के लिए यह प्रमाणपत्र 12 महीने तक वैध रहता है.

हालांकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अब तक किए गए प्रयासों पर असंतोष जताते हुए प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता पर जोर दिया. सरकार का दावा है कि ये तात्कालिक कदम प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेंगे.

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18 December 2025, 08:22 AM IST

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